भोपाल Master Plan नए सिरे से बनेगा, पुराना ड्राफ्ट निरस्त, नई कमेटी बनाई

स्वतंत्र समय, भोपाल

राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान ( Master Plan) 19 साल बाद अब नए सिरे से बनाया जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने तीन वर्ष पहले बने भोपाल मास्टर प्लान का ड्रॉफ्ट को निरस्त कर इससे पुन: बनाने के लिए समिति का पुनर्गठन किया है। इसमें भोपाल नगर निगम महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, लोकसभा सदस्य, भोपाल के सभी विधायक, भोपाल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, 74 ग्रामों के सरपंच, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिनिधि सदस्य बनाया है।

Master Plan में सभी वर्गों का ध्यान रखा जाए

भोपाल का मास्टर प्लान ( Master Plan) बनाने वाली समिति में नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल के संयुक्त संचालक समिति के संयोजक होंगे। गौरतलब है कि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निर्देश पर यह परिवर्तन किया गया है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि मास्टर प्लान का ड्राफ्ट नए सिरे से तैयार कर शहर का समुचित विकास किया जा सके। इस कमेटी में अधिकारियों के अलावा आर्किटेक्ट, इंजीनियर भी शामिल किए गए हैं, ताकि प्लानिंग और डिजाइनिंग के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके। इधर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शहर की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इसमें सभी वर्गों का ध्यान रखा जाए।

इसी माह आना था मास्टर प्लान

20 वर्ष से अटका भोपाल का नया मास्टर प्लान अगस्त में जारी किया जाना था। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा था कि अगस्त तक मास्टर प्लान लागू कर दिया जाएगा, लेकिन जनप्रतिनिधियों की नाराजगी के चलते मास्टर प्लान निरस्त कर नए सिरे से बनाया जाएगा। भोपाल का नया मास्टर प्लान वर्ष 2047 की अनुमानित आबादी के आधार पर तैयार होगा। वहीं इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के मास्टर प्लान की समय अवधि 2021 में समाप्त हो गई है और भोपाल का मास्टर प्लान 1995 में आया था, उस समय भोपाल की आबादी 10 से 15 लाख थी। मास्टर प्लान की अवधि दिसंबर, 2005 को ही समाप्त हो चुकी है। तब से भोपाल शहर का अनियोजित विकास जन समस्या बनता जा रहा है।