मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और निकायों के पदाधिकारियों के मानदेय में 20% की वृद्धि की घोषणा की गई है। इस वृद्धि का लाभ महापौर, अध्यक्ष, सभापति, उपाध्यक्ष, और पार्षद गणों सहित सभी संबंधित पदाधिकारियों को प्रति माह मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को प्रोत्साहन देना और उनकी सेवाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, जिससे वे और भी अधिक उत्साह के साथ जनहित के कार्य कर सकें।
नगरीय निकायों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए करो व शुल्कों के माध्यम से स्वयं की आय में अपने संभाग में सबसे अधिक वृद्धि करने वाले नगर पालिका को 5 करोड रुपए तथा नगर परिषद को दो करोड रुपए प्रतिवर्ष प्रोत्साहन रूप में दिए जाने हेतु राज्य शासन से पोषित एक नई प्रोत्साहन योजना लाई जाएगी I शासन द्वारा दी गई इस राशि का उपयोग पार्षद निधि के रूप में जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित अधो संरचना कार्यों पर किया जाएगा I
मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में महिलाओं के कल्याण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक विशेष जेंडर बजट तैयार करने की घोषणा की गई है। इस जेंडर बजट को चालू वित्तीय वर्ष में दिसंबर तक नगरीय निकायों के अनुपूरक बजट के रूप में लागू किया जाएगा, और अगले वित्तीय वर्ष से इसे सभी निकायों में पृथक रूप से लागू किया जाएगा।
इस जेंडर बजट के मुख्य आधार स्तंभ निम्नलिखित होंगे:
1. महिलाओं की सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी परियोजनाएं लागू की जाएंगी, ताकि नगरीय क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
2. स्थानीय परिवहन में विशेष प्रावधान: महिलाओं के सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन के लिए सिटी बस सेवाओं में विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
3. विशेष पिंक टॉयलेट्स का निर्माण: महिलाओं की सुविधा के लिए नगरीय क्षेत्रों में विशेष पिंक टॉयलेट्स का निर्माण किया जाएगा।
4. महिला उद्यमियों के लिए प्राथमिकताएं और विशेष प्रावधान: महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए निकायों द्वारा प्राथमिकताएं दी जाएंगी और उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
5. हितग्राही मूलक योजनाओं में महिलाओं का नाम अंकित करना: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी हितग्राही योजनाओं में महिलाओं के नाम को प्राथमिकता के आधार पर अंकित किया जाएगा, ताकि उन्हें सशक्त बनाया जा सके।
यह जेंडर बजट महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नगरीय विकास में लैंगिक समानता को सुनिश्चित करेगा।