डोडा में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन ने भी बलिदान दिया। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी अब भी जारी है, जिससे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी है। इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
इस दौरान भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन ने बलिदान दिया है। इलाके में खून के धब्बे मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एम4 राइफल, गोला-बारूद, रसद सामग्री और तीन बैग भी जब्त किए हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बल मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।
शिवगढ़-असर बेल्ट में चल रहे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के एक समूह को घेर लिया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन घने जंगल की वजह से जवानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुठभेड़ में एक नागरिक घायल हुआ है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। जवानों ने आतंकियों के कब्जे से एक एम-4 राइफल और तीन बैग बरामद किए हैं। यह मुठभेड़ पटनीटॉप से सटे जंगल अकार इलाके में शुरू हुई थी और भारतीय सेना ने इसे “ऑपरेशन असर” नाम दिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कैप्टन दीपक ने मुठभेड़ के दौरान बहादुरी से नेतृत्व किया और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अपने जवानों को निर्देशित किया। इस दौरान उन्हें गोली लग गई और गंभीर चोटों के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अस्सर में एक नदी के पास छिपे हुए हैं। कैप्टन दीपक का बलिदान देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।