मध्यप्रदेश के इंदौर में अतिक्रमण हटाने गए तहसीलदार और पटवारी पर हमला हुआ, जिसमें उन पर गोलियां चलाई गईं। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें अधिकारी अपनी जान बचाकर भागते हुए दिख रहे हैं। यह घटना बाणगंगा थाना क्षेत्र में अरबिंदो अस्पताल के पीछे की जमीन पर हुई, जहां अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारी पहुंचे थे। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इंदौर में तहसीलदार और पटवारी पर फायरिंग कराने वाले नेता सुरेश पटेल की अवैध कोठी को तोड़े जाने की खबर आई है। यह कार्रवाई अवैध निर्माण के खिलाफ जारी अभियान के तहत की जा रही है। ऐसे मामलों में अधिकारियों द्वारा कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
इंदौर में जिला प्रशासन की टीम पर फायरिंग कराने वाले नेता सुरेश पटेल की अवैध महलनुमा कोठी पर अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रारंभिक जांच के बाद अवैध निर्माण और कब्जे के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। इस कोठी पर आने वाले दो-तीन दिन में बुलडोजर चलाने की योजना है। पटेल को बरदरी और भौरांसला गांव में नेताजी के नाम से जाना जाता है और उनके भवन पर भी “नेताजी” लिखा हुआ है। उनके खिलाफ कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का समर्थन होने की भी बात सामने आई है।
इंदौर में नेता सुरेश पटेल की अवैध महलनुमा कोठी और अन्य अवैध निर्माणों की पहचान के बाद जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किए हैं। यदि नोटिस का सही जवाब और वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए, तो इन निर्माणों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। कोठी बरदरी और भौरांसला के बीच कांकड की भौरांसला सर्वे नंबर 84/1 की सरकारी जमीन पर बनी हुई है। यह जमीन लगभग पांच हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है और वहां एक बड़ा दो मंजिला मकान, 150 फीट लंबी और छह फीट ऊंची बाउंड्रीवाल, और 20 फीट ऊंचा लोहे का गेट लगा हुआ है।
इस अवैध निर्माण को लेकर सुरेश पटेल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और वे फरार हो चुके हैं। उनकी कोठी पर एक समय “नेताजी सुरेश पटेल” का नाम लिखा हुआ था, जो अब हटा दिया गया है। सरकार की ओर से यह भी पता चला है कि यह सरकारी जमीन समारोहों के लिए किराए पर ली जाती थी, जिससे लाखों रुपये की आय होती थी।
नेता सुरेश पटेल ने सरकारी और आदिवासी पट्टों पर अवैध कब्जा कर कई निर्माण किए हैं। कांकड़ पर उनका कब्जा है, जहां जानकी पटेल भवन और विभिन्न दुकानों का निर्माण किया गया है। इनमें से कुछ दुकानों का किराया नेताजी ले रहे हैं, जबकि कुछ दुकानों की बिक्री भी की गई है। इसके अतिरिक्त, नेताजी ने कई आदिवासियों के पट्टे लेकर भी अवैध निर्माण किए हैं। रेवती की ओर जाने वाले मार्ग पर अरविंदो अस्पताल के पास टायर और एलाइमेंट की दुकान, जो उनके दोनों बेटों मुकेश और नरेंद्र द्वारा संभाली जाती है, भी अवैध बताई जाती है। इन पट्टों पर अवैध निर्माण और भूमि की बिक्री के आरोप लगाए गए हैं।