विक्रमपुर को नया औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा : CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) शुक्रवार को रक्षाबंधन और श्रावण उत्सव में डिंडौरी के कॉलेज ग्राउंड में आयोजित लाड़ली बहनों के आभार सहित उपहार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। जनजाति समाज के सशक्तिकरण तेंदुपत्ता संग्राहकों की राशि 3 हजार रूपए प्रति बोरा से बढाकर 4 हजार रूपए किया गया है।

CM Mohan Yadav बोले- 7300 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य हुए 

सीएम यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा-पीएम जनमन योजना अंतर्गत जनजाति क्षेत्रों में 7300 करोड रुपए के निर्माण कार्य हुए हैं। उन्होंने बैगा, भारिया और सहरिया के महिलाओं को आहार अनुदान के तहत 148 करोड़ की राशि ट्रांसफर की, जिसमें 1500 रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं, वहीं, प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति अंतर्गत 505 करोड़ की राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि डिंडौरी में महिलाओं के सम्मान के कारण ही लिंगानुपात बढ़ा है। यहां की लिंगानुपात 1 हजार पुरूषों में 1002 महिलाएं हैं। सीएम ने कहा कि डिंडौरी के विकास में कोई कोर कसर नहीं रहने दी जाएगी। जिले में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। रोजगार और व्यापार को बढावा देने के लिए विक्रमपुर को नया औद्योगिक क्षेत्र के रूप में किया जाएगा।

धान के फसल की बोनस राशि दी जाएगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गेंहू की भांति धान पर भी बोनस राशि दी जाएगी। दुग्ध उत्पादकों को भी दुग्ध बोनस दिया जाएगा। उन्होंने कहा-जिले में लोक कलाओं की प्रतिभाओं में कमी नहीं है। जिले की प्रतिभाओं में भज्जू श्याम, दुर्गाबाई व्याम और अर्जुन सिंह धुर्वे को पदमश्री से सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान बालिका कनक चंदेल को दादी की पोटली भेंट कर उनके स्वास्थ्य के लिए पोषण सामग्री भेंट कर यह संदेश दिया कि बच्चों को सुपोषित किया जाएगा।

आरएसएस विचारकों की किताबें जिसे नहीं पढऩा तो न पढ़े: मुख्यमंत्री

कॉलेजों में संघ नेताओं व संस्थाओं की किताबें खरीदने के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा है कि कॉलेजों की लाइब्रेरी और वाचनालयों में सभी विचारकों की किताबें रखी जाएंगी। आरएसएस के विचारकों की किताबें भी रखी जा रही हैं, लेकिन जिसे पढऩा हो पढ़े और जिसे नही पढऩा हो तो न पढ़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माधवराव सप्रे संग्रहालय में भारतीय भाषा महोत्सव का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने आरएसएस के विचारकों की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर जवाब देते हुए कहा कि अभी कोर्स बना नहीं है, अभी वो कोर्स बनना बाकी है। उसकी अपनी कमेटी है, उसका अध्ययन मंडल है वो फाइनल करेगा। दैनिक स्वतंत्र समय ने इस मामले को 10 अगस्त को सुरेश सोनी और विद्या भारती की किताबें पढ़ेंगे मध्यप्रदेश के छात्र शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था। इसमें उच्च िशिक्षा विभाग द्वारा कालेजों के भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ को दिए गए आदेश की जानकारी दी थी। इसमें सरकार ने सभी कालेजों को संघ नेताओं व संस्थाओं की 88 किताबों की एक-एक प्रति खरीदने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 55 जिले के अंदर जो पीएम एक्सीलेंस कॉलेज बनाए गए हैं। वहां हमने लाइब्रेरी बनाई है। हमने कहा है कि लाइब्रेरी में सभी विचारवान लेखकों की पुस्तके वहां रखी जाएं। हम वहाँ पुस्तके ना रखें तो क्या करें, पुस्तक रखना पड़ेगी… पुस्तक रखने में अब वो राष्ट्रीय स्वयं संघ के हो या अन्य कोई भी हों… आपकी इच्छा हो तो पढ़ो और नहीं इच्छा है, तो मत पढ़ो। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान का प्रवाह दसों दिशाओं से बिना रुके होना चाहिए, भारत की विशेषता भी यही है। भारत के आगे बढऩे का कारण भी यही है। सीएम यादव ने कहाकि दसों दिशा से ज्ञान लेने के साथ ही हम अपने मूल विचार को भूले नहीं है।