ओमैक्स ग्रुप, जो इंदौर के रियल एस्टेट सेक्टर का एक बड़ा खिलाड़ी है, वित्तीय अनियमितताओं के कारण मुश्किल में है। इस ग्रुप के इंदौर में तीन प्रोजेक्ट हैं और एक नया प्रोजेक्ट सुपर कॉरिडोर पर शुरू हो रहा है। हालांकि, ग्रुप ने विकास मंजूरी से पहले ही सौदे कर दिए हैं। सेबी ने ओमैक्स ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं को पकड़ते हुए दो साल के लिए शेयर बाजार में कामकाज पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सेबी ने ओमैक्स ग्रुप और इसके चेयरमैन रोहतास गोयल, प्रबंध निदेशक मोहित गोयल तथा अन्य तीन लोगों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में दो साल के लिए शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सेबी ने ओमैक्स ग्रुप के चेयरमैन रोहतास गोयल, प्रबंध निदेशक मोहित गोयल, और कंपनी के सुधांशु एस बिस्वाल, अरुण कुमार पांडे, और विमल गुप्ता पर भी शेयर बाजार से दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही, इन सभी को किसी अन्य लिस्टेड कंपनी में कोई पद संभालने से भी प्रतिबंधित किया गया है। सेबी ने इन पांच व्यक्तियों और कंपनी समेत 16 इकाइयों पर कुल 47 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, जो 45 दिन के भीतर भरना होगा।
सेबी के आदेश में कहा गया है कि इन संस्थाओं ने एक धोखाधड़ी योजना को अंजाम देने के लिए मिलकर काम किया। उन्होंने कंपनी के लाभ को सामान्य लेनदेन के रूप में पेश किया, जबकि कंपनी घाटे में चल रही थी। ओमैक्स ने वित्तीय साल 2018-19, 2019-20, और 2020-21 के दौरान विभिन्न मदों और वित्तीय जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे शेयर की कीमत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हेराफेरी की गई। कंपनी ने अपने शेयरधारकों को इस धोखाधड़ी के बारे में कभी जानकारी नहीं दी।