Save Environment: पर्यावरण संरक्षण को लेकर अनूठी पहल! पेड़ों को भाई मानकर महिलाओं ने बांधी 100 फीट लंबी राखी

Save Environment: ग्राम पंचायत सिमोरी में शुरू किया गया “एक राखी पेड़ के नाम” अभियान एक प्रेरणादायक पहल है। इसके अंतर्गत, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने शिक्षकों की मदद से पेड़ों के लिए राखियां तैयार की। इन राखियों को गणितीय आकृतियों जैसे त्रिभुज, आयत, वृत्त, अष्टभुज, और बेलन के रूप में डिज़ाइन किया गया। शनिवार को एक रैली के माध्यम से इन राखियों को पेड़ों तक पहुँचाया गया और उन्हें बांधा गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और वृक्षों की महत्ता को उजागर करना है।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद अमृता देवी विश्नोई की प्रतिमा के पूजन से की गई। इसके बाद गणितीय राखियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। पर्यावरण संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए एक रैली का आयोजन किया गया, और अंत में पेड़ों को राखियां बांधी गई। इस कार्यक्रम में समाजसेवी सुनील अड़लक, अनिल उइके, संतोष बड़ौदा, ग्राम सरपंच रामप्रसाद उईके, दसन धुर्वे, पंच रामकली धुर्वे, पंच भूता बडौदे, पंच पिंटू उजोने, पंच करण परते, पंच विष्णु धुर्वे, शिक्षिका ममता गोहर, राधिका पटैया, और शैलेंद्र बिहारिया सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि सुनील अड़लक ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि पर्यावरण और गणित का महत्व इन राखियों के माध्यम से समझाया गया है। उन्होंने इसे प्रदेश की सबसे अनोखी पहल करार दिया, जिसमें पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया गया है। ताप्ती आनंद क्लब के शैलेंद्र बिहारिया, ममता गोहर, और राधिका पटैया ने बताया कि इस अभिनव कार्यक्रम का उद्देश्य पेड़-पौधों को बचाने और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना है, ताकि पर्यावरण को बेहतर बनाए रखा जा सके।

संस्था ने कहा कि राखी का भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस पहल में पेड़ों को भाई मानकर उन्हें राखी बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया गया है। इस अनोखे कार्यक्रम का उद्देश्य है कि हम अपने भाइयों की रक्षा के साथ-साथ उन पेड़ों की भी रक्षा करें, जो हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।