Bharat Bandh: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर बिहार और राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों में देखा जा रहा है। बिहार के जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है और पुलिस को परीक्षा के लिए जा रहे छात्रों की भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। राजस्थान के भरतपुर में इंटरनेट बंद किया गया है।
भारत बंद का असर खासकर उन राज्यों में अधिक देखा जा रहा है, जहां विपक्षी दल मजबूत हैं। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है। राजस्थान में बंद को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। जयपुर, दौसा, भरतपुर, डीग, और गंगापुर में आज स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। हालांकि, सरकारी कार्यालय और बैंकों में सामान्य कामकाज जारी रहेगा। परिवहन पर असर पड़ने के कारण कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
भारत बंद का अब तक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोई विशेष असर देखने को नहीं मिला है। हालांकि, कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया है और कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ स्थानों पर सांकेतिक प्रदर्शन कर सकते हैं। बावजूद इसके, आम जीवन पर इसका प्रभाव कम ही दिख रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के कोटा फैसले के खिलाफ भारत बंद को समाजवादी पार्टी (सपा) ने समर्थन दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। उन्होंने इसे शोषित और वंचित वर्गों के बीच चेतना का नया संचार और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच बताया। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की प्रभावशीलता के लिए सही मंशा की आवश्यकता की बात की थी। उन्होंने सत्तासीन सरकारों की संविधान और संविधान द्वारा दिये गए अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने की आलोचना की और कहा कि जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाने का काम करते हैं।