सीताराम ठाकुर, भोपाल
तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ( Cabinet ) ने खनिज विभाग में 868 पद बढ़ाते हुए संचालक (खनिकर्म एवं भौमिकी) के पद को दो भागों में बांटते हुए संचालक, प्रशासन एवं संचालक (तकनीकी) अलग-अलग करने का निर्णय 2 नवंबर 2021 में लिया था। संचालक तकनीकी के पद पर विभागीय भौमिकी अधिकारी को पदस्थ किया जाना चाहिए, लेकिन मोहन सरकार ने तकनीकी पद पर आईएएस अनुराग चौधरी को पदस्थ कर रखा है। जिससे भौमिकी तकनीकी अधिकारियों में सरकार की कार्यप्रणाली से आक्रोश है।
शिवराज Cabinet ने 868 नवीन पदों को स्वीकृति दी थी
प्रदेश में अवैध माइनिंग और रेत माफिया पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म के विभागीय अमले का सुदृढ़ीकरण करने के उद्देश्य से शिवराज कैबिनेट ( Cabinet ) ने 2 नवंबर 2021 को 511 नियमित पद और 357 अन्य पद (आउटसोर्स) कुल 868 नवीन पदों को स्वीकृति दी थी। साथ ही संचालक (खनिकर्म एवं भौमिकी) के पद को दो भागों में बांटते हुए संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म)तथा संचालक तकनीकी में विभाजित किया था। निर्णय के तहत संचालक (प्रशासन एवं खनिकर्म) की पूर्ति प्रतिनियुक्ति से करने और संचालक (तकनीकी) के पद की पूर्ति पदोन्नति द्वारा खनिकर्म, भौमिकी संवर्ग से करने का निर्णय लिया था। नवीन पदों पर भर्ती के लिए नियम बाद में जारी किए गए। लेकिन शिवराज कैबिनेट द्वारा लिए फैसले को मोहन सरकार नहीं मान रही है और आईएएस अधिकारियों की लगातार पोस्टिंग संचालक तकनीकी के पद पर करती आ रही है। वर्तमान में सरकार ने आईएएस अनुराग चौधरी को खनिज विभाग में अपर सचिव बना रखा है। चौधरी को मप्र माइनिंग कॉरर्पोरेशन का एमडी भी पदस्थ कर रखा है और साथ ही संचालनालय खनिकर्म एवं भौमिकी में संचालक तकनीकी का भी प्रभार दे रखा है, जबकि तकनीकी का काम विभागीय खनिकर्म एवं भौमिकी अधिकारियों से कराया जाना चाहिए। खासकर माइनिंग और रेत खनन आदि का प्लान संचालक तकनीकी तैयार करता है। जबकि आईएएस अधिकारी इस प्लान को कैसे बनाएगा। इसके पहले भी सरकार ने आईएएस राजीव रंजन मीना को माइनिंग कॉरर्पोरेशन का एमडी बनाने के साथ ही संचालक तकनीकी का प्रभार दे रखा था और मंत्रालय में खनिज विभाग का उप सचिव पदस्थ किया था, जिससे फील्ड में काफी दिक्कतों का सामना खनिज अधिकारियों को करना पड़ा।
पहले भी सचिव, पीएस रहे एमडी
तत्कालीन समय में सरकार ने खनिज विभाग का सचिव और प्रमुख सचिव जिस अफसर को बनाया, उसे ही माइनिंग कॉरर्पोरेशन के एमडी का अतिरिक्त प्रभार दिया था। तत्कालीन समय में आईएएस एसके मिश्रा, शिव शेखर शुक्ला, मनोहर दुबे विभाग के सचिव और पीएस होने के साथ एमडी का भी काम संभालते थे, लेकिन सरकार ने अब जूनियर अफसरों को माइनिंग कॉरर्पोरेशन का एमडी बनाने की शुरूआत कर दी है, जिससे विभागीय अफसरों में खासा रोष है।
विभागीय अफसर होने पर भी आईएएस को जिम्मा
संचालक खनिकर्म एवं भौमिकी में अपर संचालक के पद पर विनोद बागड़े पदस्थ है, लेकिन विभागीय अधिकारी को संचालक का प्रभार ना देकर आईएएस को दिया जा रहा है। खासकर पिछले आठ साल से किसी भी विभाग में पदोन्नतियां नहीं हुई हैं और कई विभागों में विभाग के मुखिया की जिम्मेदारी रिटायर्ड अफसर को संविदा पर रख देने का काम चल रहा है। हालांकि खनिज विभाग में अफसरों के खेल को रोकने की अपेक्षा सरकार उसे बढ़ावा देने गैर तकनीकी अधिकारियों को पदस्थ कर रही है। इसके पहले भी संचालनालय में संचालक (प्रशासन खनिकर्म) की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव को दी गई थी, क्योंकि यह पद प्रतिनियुक्ति का है।