स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर प्रदेश में आगामी 26 अगस्त को जन्माष्टमी ( Janmashtami ) पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। मप्र में यह पहला मौका है कि जन्माष्टमी जैसे पर्व को सरकारी तौर पर मनाने के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए हैं। निर्देश में जन्माष्टमी पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों और उनसे जुड़े स्थलों पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
Janmashtami पर होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
जन्माष्टमी ( Janmashtami ) पर्व पर प्रत्येक जिले में भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों की साफ-सफाई कार्य एवं सांस्कृतिक कार्यकमों का आयोजन किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा एवं मित्रता के प्रसंग तथा जीवन दर्शन के साथ भारतीय सांस्कृतिक परम्पराओं, योग आदि पर आधारित विभिन्न विषयों पर विद्वानों के व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम सभी शासकीय, अशासकीय स्कूल-कॉलेज में आयोजित किए जाएंगे।
कृष्ण से जुड़े स्थानों पर होंगे कार्यक्रम
प्रदेश के ऐसे स्थल जहां भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में जुड़े विशेष प्रसंग स्थलों जैसे कि जानापाव, अमझेरा, नारायणा एवं सांदीपनी आश्रम उज्जैन में जन्माष्टमी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जन्माष्टमी पर्व को दृष्टिगत रखते हुए शास्त्र सम्मत मंदिर निर्माण के स्थापत्य एवं उनकी विशेषताओं से अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही हमारे गौरवशाली इतिहास के प्रसंगों, कथानकों से सभी वर्गों को अवगत कराने की भी समुचित कार्यवाही की जाएगी।
झाबुआ की बहनों का स्नेह मेरी अमिट पूंजी है: सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने झाबुआ की दो लाख बहनों द्वारा भेजे गए रक्षा सूत्र भेंट किए। उन्होंने सीएम यादव को राखी भी बांधी। डॉ. यादव ने झाबुआ की बहनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा राखी स्वरूप में जताया गया स्नेह मेरी अमिट पूंजी है। झाबुआ क्षेत्र की करीब 2 लाख लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने के लिए रक्षा सूत्र बनाएं। मंत्री भूरिया यह रक्षा-सूत्र, परंपरागत भीली टोकरी (डलिया) में लेकर समत्व भवन गुरुवार को पहुंची और प्रतीक स्वरूप यह रक्षा सूत्र मुख्यमंत्री को भेंट किए।