स्वतंत्र समय, भोपाल
नॉर्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में कथित भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में सीबीआई ( CBI ) ने अपने ही डीएसपी जॉय जोसेफ दामले को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें, डीएसपी ने एनसीएल के ठेकेदारों और अफसरों के साथ मिलकर घूसखोरी का पूरा नेटवर्क खड़ा किया था। सूत्रों के अनुसार, डीएसपी पहले खुद एनसीएल में हो रहे घोटालों की शिकायतें करवाता था, फिर जांच के नाम पर घूस लेकर क्लीन चिट देता था। घूस की रकम हासिल करने के लिए उसका सबसे खास गुर्गा ठेकेदार रविशंकर था, बिहार का रहने वाला रविशंकर पहले बस कंडक्टर था फिर वो एनसीएल का ठेकेदार बन गया। सिंगरौली में ही उसने 5 करोड़ का बंगला बनाया है। उसके खिलाफ पांच साल पहले इनकम टैक्स की कार्रवाई भी हो चुकी है। जिसमें 65 अधिकारियों के नाम की लिस्ट मिली थी।
मप्र में दूसरी बार CBI अफसर पकड़ाया
ये दूसरा मौका है जब सीबीआई ( CBI ) ने अपने ही अधिकारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इससे पहले नर्सिंग घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों ने भी नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट देने के एवज में रिश्वत लेने का पूरा नेटवर्क तैयार किया था। इसमें दलाल, कॉलेज संचालक और पटवारी शामिल थे और इस मामले में सीबीआई ने कई अधिकारियों को पकड़ा है।
ऐसे चलाता था घूसखोरी का नेटवर्क
एनसीएल में सिक्योरिटी ऑफिसर रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बीके सिंह के खिलाफ पिछले दिनों एक शिकायत हुई थी। शिकायत थी कि बीके सिंह ठेकेदारों से मिलकर सिक्योरिटी गार्ड की संख्या में गड़बड़ी कर विभाग को चपत लगा रहे हैं। ये शिकायत एनसीएल के विजिलेंस डिपार्टमेंट और सीबीआई को की गई थी। जांच का जिम्मा डीएसपी जॉय जोसेफ दामले का था। हकीकत में डीएसपी जोसेफ ने ही ये शिकायत करवाई थी, ताकि वह बीके सिंह से रिश्वत की रकम वसूल सके। इसका खुलासा तब हुआ जब डीएसपी ने सीएमडी के स्टेनो सूबेदार ओझा के जरिए बीके सिंह तक शिकायत की खबर भिजवाई। बीके सिंह ने सूबेदार ओझा से पूछा कि इस शिकायत का निपटारा कैसे होगा? इसके बाद डीएसपी के घूसखोरी का नेटवर्क सक्रिय हुआ।