स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुषों और ऐतिहासिक पात्रों के जीवन से आज के युवा वर्ग को सीख देने के लिए अन्य विभागों से समन्वय कर रूपरेखा तैयार कर गतिविधियों का संचालन करें। उन्होंने कहा-उच्च शिक्षा संस्थानों में किया जाएगा हैप्पीनेस के पैमाने का अध्ययन।
CM Mohan Yadav ने मंत्रालय में आनंद विभाग की समीक्षा की
मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जगत के कल्याण के लिए अनेक कार्यों का अंतिम लक्ष्य प्राप्ति तक नेतृत्व किया। उनके परिवार के सदस्यों ने भी अन्य लोगों के सुख एवं आनंद के लिए त्याग किया। इतिहास में ऐसे अनूठे उदाहरण मिलते हैं कि दूसरों के आनंद के लिए लोगों ने अपने जीवन और आनंद का परित्याग कर दिया। इतिहास के ऐसे अध्याय और विशिष्ट प्रसंग वर्तमान पीढ़ी के संज्ञान में लाने की आवश्यकता है। सीएम डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में आनंद विभाग एवं राज्य आनंद संस्थान के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि हैप्पीनेस के पैमाने के मूल्यांकन के लिए प्रदेश के किसी उच्च शिक्षा संस्थान अथवा आईआईटी के सहयोग से अध्ययन किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उन्होंने कहा कि वैचारिक और रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रत्येक जिले में एक केंद्र अथवा भवन होना चाहिए, जिसमें नगरीय विकास विभाग की सहभागिता भी हो। ये भवन मांगलिक भवन से भिन्न हो और यहां शहर के प्रबुद्ध वर्ग के साथ आम नागरिकों की उपस्थिति में रचनात्मक कार्यक्रम संचालित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनंद विभाग अपनी गतिविधियों का संचालन, खेल, स्कूल, उच्च शिक्षा विभाग और जन अभियान परिषद जैसी संस्थाओं का सहयोग लेकर संयुक्त रूप से करें। आनंद विभाग, प्रदेश में आनंद के भाव का विस्तार करने में विभिन्न विभागों के समन्वय से गतिविधियां आयोजित करें।
आनंद विभाग के कार्यों में बुजुर्गों की सेवा को जोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद विभाग के कार्यों में बुजुर्गों की सेवा को भी जोड़ा जा सकता है। विशेष रूप से 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को विभिन्न बीमा योजनाओं से जोडक़र स्वास्थ्य लाभ अथवा उपचार की आवश्यकता पर अस्पताल तक पहुंचाने जैसे कार्य किए जा सकते हैं। कुछ नगरों में सामाजिक संस्थाएं नेत्र परीक्षण करवा कर बुजुर्गों को चश्मा प्रदान करने का कार्य भी कर रही हैं। इसी तरह व्यक्ति के आनंद के लिए विभिन्न नगरों में कार्य करने वाली संस्थाओं के कार्यों का अध्ययन कर सूचीबद्ध किया जाए, जिससे अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसे सामाजिक कार्य किए जा सकें।