केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 150 से अधिक दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर सर्दी, बुखार, और बदन दर्द जैसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस निर्णय के पीछे कारण यह है कि एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि ये दवाएं नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य लोगों को संभावित हानिकारक प्रभावों से बचाना है, क्योंकि इन दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाजार में उपलब्ध दवाएं सुरक्षित और प्रभावी हों।
केंद्र सरकार ने 150 से अधिक दवाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, और इसके लिए एक अधिसूचना जारी की गई है। यह कार्रवाई सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 26ए के तहत की गई है, जिसके अनुसार इन दवाओं के निर्माण, बिक्री, और वितरण पर रोक लगा दी गई है। इस प्रतिबंध के चलते इन दवाओं को अब दवा की दुकानों पर नहीं बेचा जा सकेगा, और इस निर्णय का उद्देश्य जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। दवा विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे इन दवाओं को अपने स्टॉक से हटा दें और उनकी बिक्री पूरी तरह से बंद कर दें।
केंद्र सरकार द्वारा 150 से अधिक दवाओं पर प्रतिबंध लगाने के तहत जिन दवाओं का उपयोग आमतौर पर सर्दी, बुखार, और शरीर दर्द के इलाज के लिए किया जाता था, उनमें कुछ महत्वपूर्ण संयोजन दवाएं भी शामिल हैं।
इनमें एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg, मेफेनैमिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन, सेट्रिजिन एचसीएल + पैरासिटामोल + फिनाइलफ्राइन एचसीएल, लेवोसेटिरिज़िन + फिनाइलफ्राइन एचसीएल + पैरासिटामोल, पैरासिटामोल + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फेनिलप्रोपेनॉलमाइन, और कैमिलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम + पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम जैसे संयोजन शामिल हैं।
इन दवाओं पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि ये संयोजन न केवल अप्रभावी हो सकते हैं, बल्कि इनके लंबे समय तक उपयोग से स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और इसके परिणामस्वरूप इन दवाओं को अब दवा की दुकानों पर बेचा नहीं जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पेरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरिन, और कैफीन की संयोजन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये दवाएं आमतौर पर शरीर के दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाती थीं, और ट्रामाडोल को विशेष रूप से ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक के रूप में जाना जाता है। हालांकि, इन दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों और स्वास्थ्य के लिए खतरों को देखते हुए, मंत्रालय ने इन्हें प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य उन जोखिमों को कम करना है जो इन संयोजन दवाओं के लंबे समय तक उपयोग से उत्पन्न हो सकते हैं, और इसके परिणामस्वरूप अब इन्हें मेडिकल स्टोर्स पर नहीं बेचा जाएगा।