ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से human trafficking रैकेट का पर्दाफाश

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

पुलिस ने मानव तस्करी (human trafficking ) के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है। खास बात यह है कि आरोपियों का सुराग एक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की वजह से लगा। 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर 5 दिन पहले ग्वालियर से किडनैप हुई 20 दिन की बच्ची को भिंड जबकि तीन साल के बच्चे को उत्तर प्रदेश से ढूंढ निकाला गया।

human trafficking में एक किन्नर भी शामिल

मानव तस्करी (human trafficking ) के आरोपियों में दो महिलाएं, एक किन्नर और दो युवक शामिल हैं। इनमें से पूजा शर्मा पत्नी रामलखन भिंड में टिफिन सेंटर चलाती है जबकि किन्नर शालू उत्तर प्रदेश में करहल का रहने वाला है। मुख्य आरोपी सत्यनारायण जाटव, उसकी पत्नी नीलम गोस्वामी और दीपक पुत्र रमेश बाल्मीकि भिंड के रहने वाले हैं। 19 अगस्त को मुरार थाने में सरोज वंशकार (25) ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा, ‘मैं सात नंबर चौराहे टप्पा तहसील के पास रहती हूं। मूल रूप से टीकमगढ़ जिले के जतारा की रहने वाली हूं। 2019 में संजू वंशकार से शादी हुई थी। पति गांव में रहकर मजदूरी करता है। 2021 में पति के करंट से झुलसने के बाद उसे गांव में छोडक़र ग्वालियर में अपनी बहन और जीजा के यहां आकर रहने लगी। यहां भीख मांग कर गुजारा करती हूं। 18 अगस्त को 7 नंबर चौराहे पर खड़ी थी। यहां एक महिला से मुलाकात हुई। 19 अगस्त को वो महिला घर पहुंच गई। वह मेरे 3 साल के बेटे और 20 दिन की बेटी के लिए कपड़े लेकर आई थी। कुछ देर बातचीत के बाद महिला हमें पार्टी के बहाने बड़ागांव हाइवे के पास स्थित होटल लेकर पहुंची। यहां उसका पति भी आ गया। होटल में हम तीनों ने शराब पी। यहां से लौटकर तीनों मुरार नदी के पास मछली मंडी पहुंचे। यहां मछली फ्राय करवाकर खाई। इसके बाद मैं बेहोश हो गई। दंपती दोनों बच्चों को लेकर भाग गए।’

मछली मंडी से मिला सुराग, ऑनलाइन पेमेंट से खुला राज

जांच के दौरान 22 अगस्त को पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने मछली मंडी में मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया था। पुलिस उस दुकान पर पहुंची। ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड खंगाला। ऑनलाइन पेमेंट करने वाले की पहचान सत्यनारायण जाटव निवासी नदी पार टाल के रूप में हुई। साइबर सेल ने मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया। शनिवार को पता चला कि सत्यनारायण गोला का मंदिर चौराहा पर खड़ा है। पुलिस ने उसे तत्काल पकड़ लिया। पूछताछ में पहले तो वह बरगलाता रहा, फिर पत्नी नीलम गोस्वामी के साथ मिलकर बच्चों का अपहरण करना कबूल कर लिया। पूछताछ में सत्यनारायण ने बताया, ‘लडक़े को उत्तर प्रदेश के करहल में शालू किन्नर जबकि बच्ची को भिंड के मौ में पूजा शर्मा और दीपक बाल्मीकि को दिया है।’ इसके बाद पुलिस टीम करहल पहुंची। यहां से शालू किन्नर को उसके घर से पकड़ा। शालू ने पुलिस को बताया, ‘सत्यनारायण और नीलम ने घर आकर बच्चा दिया है।’ इसके बाद बच्ची की तलाश में पुलिस टीम भिंड के मौ में मकेटा गांव पहुंची। यहां पूजा शर्मा अपने दोस्त दीपक बाल्मीकि के साथ मिली। उनके पास से बच्ची को बरामद किया गया। ग्वालियर में अलकापुरी से नीलम गोस्वामी को भी शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया।

बच्चे बेचे गए या नहीं, पूछताछ जारी

पूछताछ में पता चला कि पूजा शर्मा टिफिन सेंटर चलाती है। वह बेटी चाह रही थी। इसके लिए सत्यनारायण को दो हजार रुपए एडवांस भी दिए थे। हालांकि, बच्ची की डील कितने रुपए में की थी, यह नहीं बताया है। इसी तरह बच्चे को किन्नर के यहां छिपाने का मकसद भी पुलिस तलाश रही है।
मुरार थाना प्रभारी एमएम मालवीय का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।