स्वतंत्र समय, भोपाल
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हर शहर में गीता भवन ( Geeta Bhawan ) और गांवों में बरसाना की तर्ज पर गांव बनाने का ऐलान किया था। गीता भवन का निर्माण नगरीय निकाय करेंगे। ये पीपीपी मोड पर बनाए जाएंगे या सरकार इसके लिए पैसा देगी, अभी यह तय नहीं हुआ है।
Geeta Bhawan का पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका
सूत्रों के मुताबिक, गीता भवन ( Geeta Bhawan ) का पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। ये तय किया गया है कि जिला मुख्यालय पर बनने वाले गीता भवन में सामाजिक कार्य जैसे शादी-ब्याह प्रतिबंधित रहेंगे। इनमें वर्कशॉप, सेमिनार, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है। जिला मुख्यालय के अलावा बाकी स्थानों पर बनने वाले गीता भवनों में शादी ब्याह के साथ बाकी कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकेंगे। 22 अगस्त को मुख्य सचिव वीरा राणा की अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में गीता भवन के पूरे ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया। मप्र में 413 नगरीय निकाय है, जिसमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 298 नगर परिषद हैं। 16 नगर निगम में से 5 बड़े शहरों के नगर निगम में 2 एकड़ जमीन पर गीता भवन बनाए जाएंगे। बाकी बचे हुए 11 नगर निगम में ये डेढ़ एकड़ में होंगे।
नपा में एक एकड़ में बनेगा भवन
नगर पालिकाओं में 1 एकड़ जमीन पर इनका निर्माण किया जाएगा तो नगर परिषद में आधा एकड़ जमीन पर इन्हें डेवलप किया जाएगा। सभी जगह निर्माण की लागत अलग-अलग रहेगी। सभी 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने के लिए कुल 4 हजार 810 करोड़ रुपए अनुमानित खर्च होंगे। ड्राफ्ट के मुताबिक यहां एक सभागार, लाइब्रेरी, पार्किंग, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और एक कैफेटेरिया भी रहेगा। लाइब्रेरी में भी तीन हॉल होंगे। पहला और दूसरा हॉल सीनियर सिटिजन और स्टूडेंट के लिए होगा। तीसरे हॉल में आम लोग बैठ सकेंगे। साथ ही एक ई-लाइब्रेरी भी होगी। लाइब्रेरी के लिए सदस्यता शुल्क रहेगा जो नगरीय निकाय तय करेंगे। साथ ही पार्किंग शुल्क भी रहेगा। कैफैटेरिया के संचालन के लिए प्राइवेट एजेंसी से एग्रीमेंट किया जाएगा। ऑडिटोरियम और दुकानों के निर्धारित शुल्क से गीता भवन का संचालन व संधारण किया जाएगा।