साल 2024 में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ गौतम अडानी बने भारत के सबसे अमीर व्यक्ति, ये है टॉप-5 दौलतमंद भारतीय

गौतम अडानी और उनके परिवार की कुल संपत्ति *11.6 लाख करोड़ रुपये* के साथ *हुरुन इंडिया रिच लिस्ट* में पहले स्थान पर आ गए हैं, जिससे उन्होंने मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है। यह रिपोर्ट 31 जुलाई 2024 तक की संपत्ति की गणना के आधार पर है। इसके अलावा, *शाहरुख खान* ने पहली बार इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है, जो भारतीय अरबपतियों की सूची में एक नया नाम जोड़ता है।

हुरुन रिच लिस्ट 2024 में एक बड़ी उछाल देखी गई है, जिसमें 1,500 से अधिक व्यक्तियों की कुल संपत्ति ₹1,000 करोड़ या उससे अधिक दर्ज की गई है। यह संख्या सात साल पहले की तुलना में 150% की वृद्धि को दर्शाती है। इस साल की रिपोर्ट के अनुसार, हुरुन इंडिया ने कुल 1,539 अति-धनवान व्यक्तियों की पहचान की है, जो पिछले साल की तुलना में 220 की उल्लेखनीय वृद्धि को दिखाती है।

मुख्य बिंदु:

– 1500+ व्यक्तियों* की कुल संपत्ति ₹1,000 करोड़ या उससे अधिक है।
– यह संख्या सात साल पहले के आंकड़ों की तुलना में 150% बढ़ी है।
– 1500+ नए व्यक्ति* इस साल पहली बार लिस्ट में शामिल हुए हैं, जो पिछले पांच सालों की तुलना में 86% की वृद्धि को दर्शाता है।
– पहली बार *334 अरबपति* इस लिस्ट में शामिल हुए हैं, जिनके पास अरबों की संपत्ति है।

इस वृद्धि का संकेत है कि भारत में धन सृजन की गति तेजी से बढ़ रही है, और नई संपत्ति के निर्माण की दर भी उच्च स्तर पर है।

इन सभी का भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव है, और ये भारत की आर्थिक उन्नति के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था के विकास ने उसे दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है, जिसकी कुल GDP 3,737 अरब डॉलर है। यह तथ्य भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत को दर्शाता है, जो कई विकसित देशों के बाद, लेकिन फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, और इटली जैसी अर्थव्यवस्थाओं से आगे है। हुरुन रिच लिस्ट 2024 के अनुसार, भारत के शीर्ष 5 सबसे धनी व्यक्तियों की सूची निम्नलिखित है:

1. गौतम अडानी: भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक हैं और *अडानी समूह* के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। अडानी समूह भारत का एक विशाल और बहु-उद्योगी समूह है, जो मुख्य रूप से बंदरगाह प्रबंधन, ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, खनन, और कृषि व्यवसाय में सक्रिय है। गौतम अडानी का उदय भारतीय उद्योग जगत में तेजी से हुआ है, और वे न केवल भारत के बल्कि विश्व के भी सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं। *गौतम अडानी* और उनके परिवार ने *2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट* में शीर्ष स्थान हासिल किया है, उनकी कुल संपत्ति *11.6 लाख करोड़ रुपये* है। इस साल उनकी संपत्ति में *95%* की वृद्धि हुई है, जिससे वे इस लिस्ट में पहले स्थान पर आ गए हैं।

मुख्य बिंदु:

– गौतम अडानी की संपत्ति में इस साल *95%* की बढ़ोतरी हुई है।
– 11,61,800 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ वे हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में शीर्ष पर हैं।
– हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद, अडानी और उनकी फैमिली ने “फीनिक्स की तरह उभरते हुए” इस साल की रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।

इस उल्लेखनीय वृद्धि ने अडानी परिवार को भारतीय धनवानों की सूची में सबसे ऊपर पहुंचाया है, और यह उनके व्यवसायिक कौशल और आर्थिक समृद्धि का संकेत है।

प्रमुख तथ्य:

– जन्म: 24 जून 1962, अहमदाबाद, गुजरात, भारत।
– शिक्षा: गौतम अडानी ने गुजरात विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक (B.Com) की डिग्री प्राप्त करने के लिए दाखिला लिया था, लेकिन उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और व्यावसायिक जीवन में कदम रखा।

व्यवसाय और उपलब्धियाँ:

– अडानी समूह: गौतम अडानी ने 1988 में अडानी समूह की स्थापना की, जो शुरू में एक वस्त्र और कृषि उत्पादों का व्यापारिक कंपनी थी। समय के साथ, अडानी समूह ने बंदरगाह प्रबंधन, कोयला खनन, बिजली उत्पादन, और वितरण, गैस वितरण, लॉजिस्टिक्स, और रक्षा में अपने पंख फैलाए।

– *अडानी पोर्ट्स और SEZ (APSEZ)*: अडानी समूह के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में से एक, जो भारत का सबसे बड़ा निजी मल्टीपोर्ट ऑपरेटर है।
– *अडानी पावर*: भारत में निजी क्षेत्र में सबसे बड़े बिजली उत्पादकों में से एक है।
– *अडानी ग्रीन एनर्जी*: समूह की हरित ऊर्जा इकाई, जो तेजी से बढ़ते अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी है।
– *बिजली और गैस वितरण*: अडानी समूह ने बिजली वितरण और गैस वितरण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है, और भारत के प्रमुख शहरों में इसकी सेवाएं उपलब्ध हैं।

संपत्ति:

2023 में, गौतम अडानी की संपत्ति में गिरावट देखी गई, लेकिन वे फिर भी भारत के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक बने रहे। उनकी वर्तमान संपत्ति लगभग $85.1 बिलियन है, जिससे वे विश्व स्तर पर 15वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में सूचीबद्ध हैं।

2. *मुकेश अंबानी*: मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग $95 बिलियन (लगभग ₹7,13,000 करोड़) है। मुकेश अंबानी की संपत्ति उन्हें भारत का सबसे धनी व्यक्ति बनाती है। उनके छोटे पुत्र अनंत अंबानी की हालिया शादी में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति का 0.5% खर्च किया है, जिससे यह शादी काफी चर्चा में रही।

प्रमुख तथ्य:

– *जन्म*: 19 अप्रैल 1957, यमन के अदन में।
– *पिता*: धीरूभाई अंबानी, जिन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी।
– *शिक्षा*: मुकेश अंबानी ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में केमिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री इंस्टीट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई से प्राप्त की। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए करने गए, लेकिन अपने पिता के व्यवसाय में जुड़ने के लिए उन्होंने इसे अधूरा छोड़ दिया।

व्यवसाय और उपलब्धियाँ:

– *रिलायंस इंडस्ट्रीज: उनके नेतृत्व में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कई क्षेत्रों में विस्तार किया, खासकर पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनिंग के क्षेत्र में। कंपनी ने -*रिलायंस जियो* के लॉन्च के साथ टेलीकॉम उद्योग में क्रांति ला दी, जिससे भारत में इंटरनेट और टेलीकॉम सेवाओं की उपलब्धता और सस्ता हुआ।
– *रिलायंस रिटेल*: कंपनी ने खुदरा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत की सबसे बड़ी रिटेल चेन में से एक है।

संपत्ति:

मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 2024 में लगभग $95 बिलियन आंकी गई है, जिससे वे भारत के सबसे अमीर और विश्व के शीर्ष अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं।

3. *शिव नादर*: एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक शिव नादर की कुल संपत्ति लगभग $30 बिलियन (लगभग ₹2,25,000 करोड़) है। भारत के प्रमुख उद्यमी, परोपकारी और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी व्यक्तियों में से एक हैं। वे *एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies)* के संस्थापक हैं, जो भारत की प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों में से एक है। शिव नादर का योगदान भारतीय आईटी उद्योग में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और उन्होंने देश के आईटी परिदृश्य को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

प्रमुख तथ्य:

– *जन्म*: 14 जुलाई 1945, मुलाइपोझी, तमिलनाडु, भारत।
– *शिक्षा*: उन्होंने मदुरै विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।

व्यवसाय और उपलब्धियाँ:

– *एचसीएल टेक्नोलॉजीज*: 1976 में, शिव नादर ने एचसीएल की स्थापना की, जो मूल रूप से माइक्रोप्रोसेसर और सॉफ्टवेयर का विकास करने वाली एक छोटी कंपनी थी। आज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज एक वैश्विक आईटी सेवा कंपनी है, जो 50 से अधिक देशों में सेवाएं प्रदान करती है और इसमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं।

– एचसीएल ने 1978 में पहला भारतीय कंप्यूटर विकसित किया, जो उस समय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।
– कंपनी ने बैंकिंग, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, रिटेल, और मैन्युफैक्चरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आईटी समाधान प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
– *परोपकार: शिव नादर एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति हैं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है। उन्होंने 1994 में **शिव नादर फाउंडेशन* की स्थापना की, जिसके माध्यम से कई शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की गई।
– *SSN कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग*: चेन्नई में स्थापित यह कॉलेज भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है।
– *विद्याग्यान स्कूल*: यह स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।
– *शिव नादर विश्वविद्यालय*: इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना और अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

संपत्ति:

शिव नादर की कुल संपत्ति 2024 तक लगभग $30 बिलियन आंकी गई है, जिससे वे भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा परोपकार के कार्यों में निवेश किया है, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में।

4. *साइरस एस पुनावाला एंड फैमिली* : *सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया* के साइरस एस. पुनावाला और उनके परिवार ने *2024 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट* में *चौथे स्थान* पर जगह बनाई है। उनकी कुल संपत्ति *2,89,800 करोड़ रुपये* है। साइरस पूनावाला (S. Poonawalla) और उनका परिवार भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख नामों में से एक है। साइरस पूनावाला का परिवार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के लिए जाना जाता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। यहाँ उनके परिवार और उनके योगदान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई हैं:

1. *साइरस पूनावाला*: साइरस पूनावाला, पूनावाला ग्रुप के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1966 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की, जो अब विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी ने दुनियाभर में पोलियो, खसरा, रूबेला, और COVID-19 जैसी बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन प्रदान की है।

2. *अदार पूनावाला*: साइरस पूनावाला के पुत्र, अदार पूनावाला, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ हैं। उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान कोविशील्ड वैक्सीन के उत्पादन और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रसिद्धि मिली।

3. *सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया*: पूनावाला परिवार की इस कंपनी ने वैश्विक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह संस्थान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पूर्व-योग्यता प्राप्त सबसे अधिक वैक्सीन निर्माता में से एक है और दुनियाभर के देशों को वैक्सीन प्रदान करता है।

4. *सामाजिक योगदान*: पूनावाला परिवार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में भी बड़ा योगदान दिया है। वे भारत में कई परोपकारी परियोजनाओं में शामिल रहे हैं, जिससे समाज के वंचित वर्गों को लाभ मिला है।

5. *उद्योग और व्यापार*: साइरस पूनावाला और उनके परिवार का व्यापारिक साम्राज्य सिर्फ वैक्सीन उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और अन्य क्षेत्रों में भी सक्रिय हैं।

साइरस पूनावाला और उनके परिवार ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे उन्हें “वैक्सीन किंग” के रूप में भी जाना जाता है।

भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में *पांचवें स्थान* पर *सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज* के *दिलीप शांघवी* हैं, जिनकी कुल संपत्ति *2,49,900 करोड़ रुपये* है।

5. *दिलीप शांघवी* : भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में *पांचवें स्थान* पर *सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज* के *दिलीप शांघवी* हैं, जिनकी कुल संपत्ति *2,49,900 करोड़ रुपये* है। दिलीप शांघवी एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और सन फार्मास्युटिकल्स (Sun Pharmaceuticals) के संस्थापक हैं। उनका नाम भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग में बड़े सम्मान से लिया जाता है। यहां उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है:

1. *जन्म और प्रारंभिक जीवन*: दिलीप शांघवी का जन्म 1 अक्टूबर 1955 को गुजरात के अमरेली में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा कोलकाता विश्वविद्यालय से पूरी की, जहां उन्होंने कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

2. *सन फार्मास्युटिकल्स की स्थापना*: दिलीप शांघवी ने 1983 में सन फार्मास्युटिकल्स की स्थापना की। कंपनी की शुरुआत में केवल पांच उत्पाद थे जो मनोवैज्ञानिक विकारों का इलाज करते थे। सन फार्मा ने धीरे-धीरे अपनी पहुंच और उत्पादों का विस्तार किया और आज यह भारत की सबसे बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक है।

3. *व्यापारिक सफलता*: दिलीप शांघवी की नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच ने सन फार्मास्युटिकल्स को न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उनकी कंपनी अमेरिका, यूरोप, और अन्य प्रमुख बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है।

4. *निजी संपत्ति*: दिलीप शांघवी भारत के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं। उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा सन फार्मास्युटिकल्स के शेयरों से आता है, जो उन्हें फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सबसे सफल उद्यमियों में से एक बनाता है।