MP Weather: मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल रहा है और राज्य में बारिश का स्ट्रांग सिस्टम सक्रिय हो गया है। इसके कारण पिछले कुछ दिनों से अधिकांश जिलों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने रविवार को भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
अगले 24 घंटे में सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, पश्चिम मध्य प्रदेश के 21 जिलों में तेज बारिश का पूर्वानुमान है। हालांकि, ग्वालियर, भोपाल, और इंदौर में रविवार की सुबह धूप निकल आई थी, लेकिन इन क्षेत्रों में भी मौसम के फिर से बिगड़ने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए, इन क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। यदि संभव हो, तो लोग अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मध्य प्रदेश में आज मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, जबलपुर, छिंदवाड़ा, शिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, और पांढुर्ना में भारी बारिश का अनुमान है। इसके अलावा, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में भी गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
इन क्षेत्रों के निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और मौसम के अनुसार सावधानियां बरतें, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां भारी बारिश की संभावना है। यात्रा करते समय भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है, खासकर उन जगहों पर जहां बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय रहेगा, जिससे कई इलाकों में जोरदार बारिश होने की संभावना है। शनिवार को उज्जैन, नौगांव, धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, खरगोन और सीधी में बारिश हुई, जिसमें सबसे ज्यादा बारिश उज्जैन में रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि 2 सितंबर तक प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिसके बाद सिस्टम आगे बढ़ जाएगा और बारिश की गतिविधियों में कमी आ सकती है। इस दौरान भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि तेज बारिश से बाढ़ और जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अब तक मध्य प्रदेश में कुल 34.2 इंच बारिश हो चुकी है, जो मानसून सीजन के अनुमानित कोटे का लगभग 90 प्रतिशत से अधिक है। इस भारी बारिश के कारण प्रदेश के अधिकांश डैमों में 80 प्रतिशत तक पानी भर चुका है, जिसके चलते कई डैम के गेट खोलने पड़े हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि राज्य में बारिश की तीव्रता और उसके प्रभाव काफी महत्वपूर्ण हैं। डैमों के गेट खोले जाने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए प्रशासन और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।