विपिन नीमा, इंदौर
एमएस धोनी टीम इंडिया में साहसी निर्णय लेने और विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत दिखाने के लिए जाने जाते हैं। ऐसी ही क्वालिटी मध्य प्रदेश कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के पास भी है। सीएम के करीबी ओर सबसे अनुभवी विजयवर्गीय के पास हर परिस्थितियों में चुनाव कैसे लडऩा है और कैसे लडा जाता है इसकी डिग्री भी है। इसी कारण पार्टी हाईकमान उन्हें हर चुनाव में याद करती रहती है।
Kailash Vijayvargiya को हाईकमान ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए चुना है
हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में चुनाव प्रभारी की भूमिका निभा चुके कैलाश विजयवर्गीय( Kailash Vijayvargiya ) जी को एक बार फिर हाईकमान ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए चुना है। अक्टूबर महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में चुनाव का बिगुल बज चुका है। हाई कमान द्वारा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की 12 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने नागपुर में अभी से अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है। अब देखना है कि कैलाश जी हरियाणा और बंगाल की तरह महाराष्ट्र में कितने सफल होते हैं। नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है और इसी जिले की सभी 12 सीटे जिताना कैलाशजी के लिए सबसे बड़ा इम्तिहान है। मप्र के नगरीय विकास एवं आवास और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 12 सीटों की जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रदेश से बाहर कैसे चुनाव कैसे लड़ाया जाता है, चुनाव के लिए क्या क्या रणनीतियां काम करती है, किस तरह की तैयारियां की जाती है ये सारी क्वालिटी उनमें कुट कुट कर भरी हुई है। वे हर स्थितियों से निपटना जानते है। नागपुर जिले की 12 सीटों पर चुनाव होना है। इन सभी सीटों को जीताने की जिम्मेदारी प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मिली है। इस कारण इस नागपुर जिले पर सभी का ध्यान है, क्योंकि पिछली बार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस इसी जिले से जीत कर आए थे।
12 जिलों की सीटों का मिजाज समझा
नागपुर जिले की जिन 12 सीटों को जीताने की जिम्मेदारी विजयवर्गीय को मिली है उन सभी सीटों का मिजाज समझ लिया है। अब वे इन सीटों पर अपनी रणनीति और समीकरण बनाने में जुट गए है। जिम्मेदारी मिलने के बाद से वे दो बार नागपुर जिले का दौरा भी कर चुके है। विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल, हरियाणा जैसे राज्यों में बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उन्हें मालवा और निमाड़ सहित प्रदेश की 60 से अधिक सीटों को जिताने का जिम्मा दिया था, जिस पर वे खरे उतरे हैं। इसके बाद लोकसभा चुनाव में उन्हें सबसे कठिन मानी जाने वाली छिंदवाड़ा सीट का जिम्मा दिया गया। इस पर भी वे सौ टंच खरे उतरे और छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की।
भाजपा के लिए नागपुर की 12 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न है। भाजपा के कद्दावर नेता विजयवर्गीय को जिन सीटों की जिम्मेदारी मिली है उनमें नागपुर साउथ वेस्ट, नागपुर साउथ, नागपुर ईस्ट, नागपुर सेंट्रल, नागपुर वेस्ट, नागपुर नार्थ, कटोल, सावनेर, हिंगना, उमरेड,कामठी, रामटेक शामिल है। जिले के हिसाब से ये सारी सीटे महत्वपूर्ण है , क्योंकि इसी जिले में आरएसएस का मुख्यालय भी है। यहां पर आरएसएस का मुख्यालय होने से कैलाशजी के कामकाज पर भी मुख्यालय की नजर रहेगी।