स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग और स्मार्ट चिप कंपनी के विवाद में पूरे प्रदेश के आवेदकों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसे में रजिस्ट्रेशन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस ( Driving licenses ) बनवाना है, उनका पूरा काम अटक गया है। 31 अगस्त को स्मार्ट चिप कंपनी का ठेका खत्म हो रहा है और यही काम इसी के पास है। इधर इंदौर के परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग का सॉफ्टवेयर अपडेट होते ही ठप पड़े कार्यों को जल्दी पूरे कर लिए जाएंगे। अब सॉफ्टवेयर बदल जाने के कारण काम ठप कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि नई कंपनी को काम दिया जा रहा है, लेकिन परिवहन विभाग लोगों के लिए कोई विकल्प पिछले दिनों से नहीं तैयार कर सका।
Driving licenses बनने में इसलिए खड़ी हुई समस्या
इस परेशानी का कारण परिवहन विभाग और स्मार्ट चिप कंपनी के बीच भुगतान और टेंडर रिन्यूअल न होना है। स्मार्ट चिप कंपनी के प्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने कार्यालय में ताले तक डाल दिए, जिससे हडकंप मच गया था। कंपनी का टेंडर 30 जून 2024 को खत्म हो गया था, जिसे 31 अगस्त 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। 2003 से गुडगांव की स्मार्ट चिप कंपनी आरटीओ के लिए ड्राइविंग लाइसेंस ( Driving licenses ) व रजिस्ट्रेशन का काम कर रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी का 88 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है। यही कारण है कि आगे का नहीं हो रहा है।
सॉफ्टवेयर बदलाव तक न आरसी, न डीएल बनेगा
एनआईसी की ओर से सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है, क्योंकि स्मार्ट चिप कंपनी से सेटअप वापस लेना है। तब तक न वाहनों का रजिस्ट्रेशन कार्ड बनेगा, न ड्राइविंग लाइसेंस बनेंगे। इससे प्रदेशभर के लोग परेशान होंगे।