आरजीपीवी के सस्पेंड रजिस्ट्रार राजपूत के घर ED का छापा

स्वतंत्र समय, भोपाल

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के घर सोमवार को ईडी ( ED ) की टीम ने छापा मारा। ईडी के अफसरों ने निलंबित रजिस्ट्रार के घर से दस्तावेज ओर साक्ष्य एकत्रित किए हैं। फिलहाल कार्रवाई जारी है। ईडी को रजिस्ट्रार राजपूत द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली थी। गौरतलब है कि आरजीपीवी में रजिस्ट्रार रहते आरएस राजपूत ने 19.48 करोड़ रुपए सरकारी खाते से प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। घोटाले में गांधी नगर थाने में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे थे। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला तब सामने आया, जब लगातार एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया।

सोमवार सुबह ED के अफसरों ने दी दबिश

आरजीपीवी के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के लेकपर्ल गार्डन स्थित घर पर ईडी ( ED ) के 4 अफसरों की टीम ने सोमवार सुबह 5 से 6 बजे के बीच दबिश दी। ईडी अफसर, जिस समय निलंबित रजिस्ट्रार राजपूत के घर पहुंचे, तब वे नींद में थे। ईडी अफसरों ने औपचारिक परिचय देने के बाद राजपूत और उनकी पत्नी के मोबाइल फोन जमा करा लिए। तब से अब तक ईडी के अफसर राजपूत के घर में रखे विभिन्न बैंकों में हुए ट्रांजेक्शन के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

राजपूत भडक़े, कहा… घर के सामने से जमा भीड़ को हटाओ

कॉलोनी में रह रहे आरजीपीवी के निलंबित रजिस्ट्रार के घर पर सुबह से पुलिस की मौजूदगी की सूचना, दोपहर तक कॉलोनी के रहवासियों तक पहुंच गई। इसके चलते कॉलोनी में रहने वाले कुछ रहवासी राजपूत के घर के सामने छापामार टीम के बारे में जानकारी जुटाने पहुंच गए। यह निलंबित रजिस्ट्रार राजपूत को नागवार गुजरा। इसके चलते राजपूत दोपहर करीब 3 बजे दो ईडी अफसरों के साथ घर से बाहर भडक़ते हुए निकले और अफसरों से घर के सामने जमा लोगों को हटाने को कहा।

फरवरी में तीन सदस्यीय समिति बनाई थी

दरअसल, यूनिवर्सिटी के तकनीकी शिक्षा विभाग को फरवरी के दूसरे हफ्ते में शिकायत मिली थी कि यूनिवर्सिटी के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए रजिस्ट्रार और फायनेंस कंट्रोलर के साइन से प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर हुए। जांच के लिए 19 फरवरी 20224 को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने तीन सदस्यीय समिति बनाई थी।