MP Weather: मध्य प्रदेश में इस साल मानसून ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जून, जुलाई और अगस्त में भरपूर बारिश हुई है, और सितंबर में भी बारिश का दौर जारी है। इस वजह से कई जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। मंडला जिला इस मामले में सबसे आगे है, जहां अब तक 47.19 इंच बारिश दर्ज की गई है। राज्य में बारिश का एक स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव है, जिसके चलते कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। मंगलवार को प्रदेश के सात जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, और बुधवार को भी पांच जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, इस साल अब तक मध्य प्रदेश में 95 फीसदी बारिश का कोटा पूरा हो चुका है, और औसतन 35.3 इंच बारिश दर्ज की गई है। अगर 2 इंच और बारिश होती है, तो इस साल का सामान्य बारिश का लक्ष्य भी पूरा हो जाएगा। अगले तीन दिनों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश की संभावना है।
मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में विभिन्न जिलों में बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है। श्योपुर, गुना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, खंडवा, देवास, हरदा, मुरैना, भिंड, छतरपुर, खजुराहो, और आगर जिलों में बिजली के साथ मध्यम गरज के साथ हल्की बारिश और आंधी आ सकती है। वहीं, भोपाल, अलीराजपुर, अशोकनगर, विदिशा, दमोह, शिवपुरी, बड़वानी, धार, मांडू, शाजापुर, खरगोन, महेश्वर, बुरहानपुर, बालाघाट, निवाड़ी, टीकमगढ़, सागर, और इंदौर में आकाशीय बिजली के साथ बारिश की संभावना है।
इसके अलावा, उज्जैन महाकालेश्वर, सीहोर, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, दतिया, और पन्ना जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। इन क्षेत्रों में मौसम के बदलाव को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। मध्य प्रदेश में इस साल मानसून के दौरान जून, जुलाई, और अगस्त में अच्छी बारिश दर्ज की गई है, और सितंबर में भी भारी बारिश का सिलसिला जारी है। इस वजह से राज्य के कई जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। मंडला में सबसे अधिक 47.19 इंच बारिश हुई है, जबकि सिवनी में 46 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
राज्य के सबसे अधिक बारिश वाले टॉप-10 जिलों में मंडला के साथ सिवनी, छिंदवाड़ा, श्योपुर, डिंडौरी, सीधी, भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, और सागर शामिल हैं। इस भारी बारिश के कारण प्रदेश के विभिन्न बांधों में जलस्तर बढ़ गया है। भोपाल में पिछले दो दिनों से कलियासोत, केरवा, और भदभदा डैम के गेट खुले हुए हैं, जबकि कोलार डैम का भी एक गेट खोला गया है। यह स्थिति बताती है कि प्रदेश में बारिश का प्रभाव कितना व्यापक और महत्वपूर्ण है, जिससे जलाशयों में पानी की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है।
मध्य प्रदेश में मौसम की स्थिति पर बात करते हुए मौसम केंद्र के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि वर्तमान में लो प्रेशर एरिया और मानसून ट्रफ प्रदेश से दूर हैं। इसके बावजूद, राज्य के कुछ हिस्सों में तेज और हल्की बारिश होने की संभावना बनी हुई है। अगले 24 घंटों में झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, डिंडौरी, सिवनी, और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं तेज या भारी बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन सहित अन्य जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रह सकती है। मंगलवार को नर्मदापुरम, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, और नौगांव में भी बारिश दर्ज की गई, जिसमें सबसे ज्यादा बारिश धार में हुई, जहाँ ढाई इंच पानी गिरा। इस प्रकार, भले ही प्रमुख बारिश का सिस्टम प्रदेश से दूर हो, लेकिन राज्य के कई हिस्सों में मौसम की सक्रियता बनी हुई है।