अब पत्थर से बनेगी सस्ती रेत : रेडी मिक्स क्रांकीट को बढ़ावा देने बनेगी नीति : CM Mohan Yadav

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav  ) ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और आमजन को किफायती दरों पर रेत उपलब्ध कराने यांत्रिक प्रक्रिया द्वारा पत्थरों से निर्मित होने वाली ‘एम-सैण्ड’ को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही ‘रेडी मिक्स’ क्रांकीट को बढ़ावा देने के लिए भी नीति बनाई जाए। सभी जिलों में स्थानीय युवाओं को उद्यमशीलता से जोड़ते हुए इकाइयां स्थापित की जाएं। इन गतिविधियों से निर्माण की गुणवत्ता में सुधार भी होगा और समय भी कम लगेगा।

CM Mohan Yadav ने खनिज विभाग की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ( CM Mohan Yadav ) ने यह बात शुक्रवार को मंत्रालय में खनिज विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए निर्देशों में कही। दो दिन पहले हुए पिता के निधन तीसरे दिन ही सीएम मंत्रालय पहुंचे और सक्रियता बढ़ाते हुए विभागों की समीक्षा करना शुरू कर दिया। सीएम यादव ने प्रदेश की समृद्ध खनिज संपदा को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में मेटल आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने खनिज संसाधनों से अधिक राजस्व प्राप्त करने उड़ीसा राज्य की नीतियों का अध्ययन के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा-खनिज के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सहित आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग करें। साथ ही वर्तमान में अप्रासंगिक हो चुके नियमों में संशोधन किया जाए और सुशासन तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।

यूपी मॉडल पर बनेगी आबकारी नीति

सीएम ने कहा-अवैध मदिरा और आबकारी अपराधों पर नियंत्रण के लिए हर संभव कार्रवाई की जाए। आबकारी नीति में यूपी मॉडल का अध्ययन कर मप्र में उसकी उपयुक्तता का आंकलन किया जाए। बैठक में बताया गया कि मदिरा की दुकानें नगर की सीमा से 1.5 किलोमीटर बाहर कर दी गई हैं। इस पर सीएम ने शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के निकट मदिरा दुकानों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर तत्परता से प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रदेश के सभी बार और मदिरा दुकानों की जियो-टैगिंग की गई है तथा मदिरा के उत्पादन, वितरण और विक्रय तक की समस्त प्रक्रियाओं की ई-आबकारी पोर्टल से मॉनीटरिंग की जा रही है।

रजिस्ट्रेशन की दर का मूल्यांकन तिमाही आधार पर हो

सीएम डॉ. यादव ने वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा-अचल संपत्तियों के पंजीयन की दर का मूल्यांकन तिमाही आधार पर किया जाए, जिन क्षेत्रों में विकास तथा अन्य गतिविधियों के परिणामस्वरूप बाजार मूल्य में बढ़ोत्तरी हुई है, उन क्षेत्रों की दर को उस अनुपात में बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि एंटी इवेजन ब्यूरो में उन्हीं की पदस्थापना हो, जिन्होंने ऑडिट और सर्कलों में अच्छा काम किया हो।