स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा कि सिंहस्थ सिर्फ उज्जैन का नहीं है। यह उज्जैन और इंदौर दोनों संभागों के साथ सम्पूर्ण प्रदेश का प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को अधिक सुविधाएं मुहैया कराने करीब पांच दर्जन नए निर्माण कार्य शुरू होंगे। वर्तमान सुविधाओं का उन्नयन, उज्जैन में ठहरने, भोजन व्यवस्था और यातायात की दृष्टि से कई व्यवस्थाएं की जाएंगी। सडक़ और रेल परिवहन सुविधाओं के विकास के साथ हवाई यातायात को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इंदौर- उज्जैन मार्ग को सिक्स लेन बनाने, इंदौर- उज्जैन वैकल्पिक फोर लेन मार्ग (दूरी 49 किमी) सहित अनेक महत्वपूर्ण कार्यों पर मंत्रिमंडल समिति में चर्चा हुई।
CM Mohan Yadav बोले- सिंहस्थ के लिए अभी से सर्वेक्षण जरूरी
डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने कहा-बुजुर्ग यात्रियों की सुविधा के लिए पार्किंग के स्थान, घाट के जितने नजदीक होंगे उन्हें उतना ही कम से कम पैदल चलना पड़ेगा। विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं और अन्य संस्थाओं के परिसर के मैदान भी पार्किंग में उपयोग में लिए जाएंगे। इसके लिए अभी से अध्ययन और सर्वेक्षण कर जरूरी कार्रवाई की जाए। सीएम ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि उज्जैन में केडी गेट से वीर दुगार्दास की छतरी से गोंसा मार्ग की लंबाई पर फोर लेन मार्ग के निर्माण को गति देते हुए शीघ्र पूर्ण किया जाए। इस प्रस्तावित मार्ग के बन जाने से गोपाल मंदिर और मुख्य शहरी भाग को सीधे जावरा ,बडऩगर तथा काल भैरव की तरफ जाने के लिए नागरिकों को सुविधा मिलेगी।
मेट्रो के साथ ही अन्य रेल सुविधाएं बढ़ाने पर फोकस
सीएम ने कहा-उज्जैन-इंदौर मेट्रो के साथ ही अन्य रेल सुविधाओं के विकास के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। श्री महाकालेश्वर उज्जैन से इंदौर मेट्रो परियोजना में दूरी 47 किमी और प्रस्तावित स्टेशनों की संख्या 8 है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन ने इसके लिए फिसीबिलिटी स्टडी की है। कार्य की अनुमानत लागत 10 हजार करोड़ है। अगले साढ़े तीन वर्ष में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस परियोजना से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
सिंहस्थ के दौरान 21 विभाग 450 काम कराएंगे
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई ने प्रजेंटेशन दिया। अधोसंरचना कार्य योजना में कुल 21 विभागों के 450 कार्य सिंहस्थ मद में शामिल किए गए हैं। विभागीय मद में 181 कार्य निर्धारित किए हैं। जल संसाधन द्वारा 29. 21 किमी घाट निर्माण, 30.15 किमी कान्ह नदी डायवर्सन , शिप्रा नदी पर 14 और कान्ह नदी पर 11 बैराज का निर्माण होगा। शिप्रा नदी के तट पर 30 किमी लंबे घाट तक पहुंच मार्गों का निर्माण होगा। इसी तरह 50 किमी के अंदर प्रस्तावित पार्किंग क्षेत्र 484 हैक्टेयर का होगा।