Soybean Price: जिले के किसान अपनी मांगों को लेकर हजारों ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतर आए। किसानों ने सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे और अपनी मांगों को लेकर बैनर लगाए थे, जिनमें कृषि उपज के उचित मूल्य और अन्य मांगों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था।
शनिवार की सुबह से ही किसान अपने-अपने गांवों से ट्रैक्टर लेकर शहर की ओर आना शुरू हो गए थे, जिससे प्रदर्शन का आकार बढ़ता गया। किसानों की यह रैली उनके आर्थिक हितों के लिए सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर खंडवा रोड स्थित आईटीआई के पास से ट्रैक्टर रैली की शुरुआत की। यह रैली खेड़ीपुरा संत रविदास तिराहा, नार्मदीय धर्मशाला, चांडक चौक, डबल फाटक होते हुए मंडी पहुंची। ट्रैक्टरों की संख्या इतनी अधिक थी कि खेड़ीपुरा से सभी ट्रैक्टरों के गुजरने में करीब तीन घंटे का समय लग गया।
अनुमान के अनुसार, इस रैली में ढाई हजार से अधिक ट्रैक्टर शामिल थे और जिले के लगभग सभी गांवों से किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ इस आंदोलन में हिस्सा लेने आए थे। इस रैली का मुख्य उद्देश्य सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाना था। किसानों की इस विशाल ट्रैक्टर रैली के कारण शहर में कई स्थानों पर वाहनों का जाम लग गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। रैली के माध्यम से किसानों ने अपनी नाराजगी और आक्रोश को जाहिर किया। उनका कहना था कि सोयाबीन का मौजूदा भाव बहुत कम है, जिससे उनकी लागत निकालना मुश्किल हो गया है।
किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं किया गया, तो वे कर्ज के बोझ तले और अधिक दब जाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी। इस आंदोलन का उद्देश्य सरकार तक अपनी चिंताओं को पहुंचाना और उचित समर्थन मूल्य की मांग करना था।खेड़ीपुरा स्थित संत रविदास तिराहे पर दोपहर करीब *दो बजे* स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ चार पहिया वाहन चालकों ने अपने वाहन रैली के बीच से निकालने की कोशिश की। इससे *किसानों* में आक्रोश फैल गया और उन्होंने चार पहिया वाहनों को रोक दिया।
कुछ किसानों ने अपने हाथ में बैनर थामे चार पहिया वाहनों पर डंडों से वार भी किया। हालात को बिगड़ता देख, मौके पर मौजूद *पुलिसकर्मियों* ने तुरंत हस्तक्षेप किया और बीच-बचाव कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, जिससे विवाद को और बढ़ने से रोका जा सका। डवा रोड स्थित आईटीआई के पास किराना दुकान चलाने वाले दुकानदार बबलू शर्मा ने बताया कि उनकी दुकान के सामने से किसानों की ट्रैक्टर रैली गुजरी। बबलू शर्मा के अनुसार, सभी ट्रैक्टरों के गुजरने में करीब तीन घंटे का समय लग गया। उन्होंने यह भी बताया कि रैली में ढाई हजार से अधिक ट्रैक्टर शामिल थे, जिससे ट्रैफिक प्रभावित हुआ और लंबा जाम लग गया।
ट्रैक्टर रैली के दौरान शहर में कई जगहों पर किसानों का स्वागत करते हुए फूलों की वर्षा की गई। खुद किसानों ने स्टाल लगाकर रैली का स्वागत किया और उन पर फूल बरसाए। किसानों ने इस अवसर पर कहा कि यह उनकी हक की लड़ाई है और इसमें किसी राजनीतिक पार्टी का हस्तक्षेप मंजूर नहीं है। हालांकि, इस ट्रैक्टर रैली में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हजारों किसान शामिल हुए, जो एकजुट होकर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरे।