Membership देखकर चुने जाएंगे निगम-मंडलों के चेहरे

स्वतंत्र समय, भोपाल

पिछले सदस्यता ( Membership ) अभियान को पीछे छोड़ते हुए भाजपा ने इस बार डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन तेरह दिन में 40 लाख से ज्यादा सदस्य बनाने के बाद पार्टी ने अब टारगेट बढ़ाकर 2 करोड़ कर दिया। पंच से लेकर विधायक व सांसदों तक के लिए नए टारगेट तय कर दिए हैं। इतना ही नहीं, निगम-मंडलों की नियुक्तियों के लिए भी मापदंड बदल दिए हैं। अब सदस्यता देखकर ही सरकार और संगठन में पद दिए जाएंगे।

निगम-मंडलों और आयोगों के पद भी Membership से जोड़े

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तो 3 सितंबर को सदस्यता ( Membership ) अभियान की शुरूआत करते समय ही कह दिया था कि कॉलेजों की जनभागीदारी, नगर निगम-पालिकाओं में एल्डरमैन, नगर समितियों में उन्हें की सदस्य बनाया जाएगा जो ज्यादा सदस्य बनाएगा। अब निगम-मंडलों व आयोगों के पद भी सदस्यता से जोड़ दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार और संगठन ने अपने सदस्यता अभियान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तय कर लिया है कि सदस्यता की रिपोर्ट देखकर ही निगम-मंडलों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष अथवा सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। इस नए मापदंड को जोडऩे के साथ ही निगम-मंडलों की प्रतीक्षारत नियुक्तियों पर भी विराम लग गया है। सारी सूचियां जहां की तहां रोक दी गई हैं। अब सदस्यता अभियान समाप्ति के बाद ही यह प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। सदस्यता में अच्छा काम करने वालों को अच्छे पद मिलेंगे। दिल्ली और भोपाल के नेताओं की परिक्रमा भी अब काम नहीं आएगी। इससे अब तक सदस्यता अभियान से दूरी बनाकर बैठे वरिष्ठ नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है। विधायकों सहित कई पूर्व ंमंत्री-विधायक व पूर्व सांसद निगम मंडलों में एडजस्ट होने की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। सरकार और संगठन द्वारा सदस्यता को मापदंड बनाने से इनकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।

जिलों व जनप्रतिनिधियों को नया टारगेट

भाजपा का सदस्यता अभियान प्रदेश में 3 सितंबर से चल रहा है। शुरू में मप्र भाजपा ने दो करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। इसमें सांसदों को 25 हजार और विधायकों को 20 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था। शहर व जिलों के लिए भी लक्ष्य तय किए गए थे। अब सांसद, विधायकों सहित तमाम जनप्रतिनिधियों व संगठन में बूथ अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक सभी के लिए नए टारगेट तय कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी की अब तक की परफार्मेंस चैक की जा रही है। अब सभी बूथ पर 100 नए सदस्य बनाने जरूरी होंगे। सांसदों को 25 की जगह 50 हजार सदस्य बनाना होंगे। इसी तरह विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, पार्षद, पंच-सरपंच सभी का टारगेट बढ़ेगा। शहरों और जिलों को भी भाजपा नया टारगेट देगी।

चंबल पिछड़ा मालवा आगे

भाजपा के सदस्यता अभियान का पहला चरण 25 सितंबर को पूरा हो रहा है। इसके पहले भाजपा ने 3 से 16 सितंबर की प्रोग्रेस के हिसाब से रैंकिंग तैयार की है। इसमें चंबल-ग्वालियर क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना के क्षेत्र सुमावली, नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र मेहगांव सहित अंचल के अधिकांश विधानसभा क्षेत्र में सदस्यता अभियान की हालत बिगड़ी हुई है। दूसरी ओर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ में सबसे अच्छी सदस्यता हुई है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र इंदौर क्रमांक 1 और विधायक रमेश मेंदोला की सीट इंदौर क्रमांक 2 में भी अच्छी सदस्यता हुई है। भोपाल की मध्य विधानसभा सीट में कार्यकर्ताओं ने उत्साह दिखाया है। तो प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का संसदीय क्षेत्र पन्ना भी टॉप टेन में शामिल है। भाजपा ने अब हारी हुए विधानसभाओं और बूथों पर फोकस किया है।
इनमें अन्य बूथों की तुलना में ज्यादा टारगेट दिया जा रहा है।