स्वतंत्र समय, भोपाल
पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख अभियंता ईएनसी आरके मेहरा का अगले महीने 31 अक्टूबर को रिटायरमेंट ( Retiremen ) है और वर्मा दो साल बाद रिटायर होंगे। यदि सरकार रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाती तो वह भी नवंबर में रिटायर हो जाते। फिर भी प्रमुख अभियंता आरके मेहरा, मुख्य अभियंता सेतू परिक्षेत्र भोपाल जीपी वर्मा सहित 6 इंजीनियर 25 सितंबर से बेंगलुरु में होने जा रहे एडवांस ब्रिज मैनेजमेंट की तकनीक सीखने के लिए जा रहे हैं।
Retiremen नजदीक तो फिर तकनीक सीखने का फायदा किसे
रिटायरमेंट ( Retiremen ) की तिथि नजदीके आने के बाद भी इंजीनियरों को ब्रिज की एडवांस तकनीक की ट्रेनिंग देने सरकारी खर्च पर भेजने के पीछे सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं हुई है। क्योंकि रिटायर होने के बाद इंजीनियरों के अनुभव का लाभ सरकार को नहीं मिल पाएगा। आरके मेहरा को ट्रेनिंग पर भेजने के पीछे कही सरकार की मंशा उन्हें संविदा नियुक्त देने की तो नहीं है। वैसे पीडब्ल्यूडी के मुखिया का पद पाने के लिए अधीक्षण यंत्रियों की कतार लगी हुई है। विभाग में रेगुलर चीफ इंजीनियर नहीं हैं और अधिकांश चीफ इंजीनियर अधीक्षण यंत्री है, जिन्हें प्रभारी चीफ इंजीनियर पदस्थ कर रखा है। इसकी वजह आठ साल से अफसरों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है और इसके लिए मप्र सरकार जिम्मेदार है।
48 हजार खर्च करेगी सरकार
25 से 27 सितंबर तक बेंगलुरु में होने जा रहे एडवांस ब्रिज मैनेजमेंट सेमीनार में भाग लेने वाले ईएनसी आरके मेहरा, सीई जीपी वर्मा तथा कार्यपालन यंत्री कीर्ति चौधरी को सरकार 9 हजार रुपए प्रत्येक के मान से 27 हजार रुपए का भुगतान करेगी। वहीं, सहायक यंत्री शबाना रज्जाक, श्रुति सक्सेना और उपयंत्री संजय सक्सेना पर 7-7 हजार रुपए के हिसाब से 21 हजार रुपए का भुगतान इंजीनियरों को करेगी। इसकी मंजूरी भी विभाग ने 20 सिंतबर को जारी कर दी है।
पहले भी होते रहे हैं सेमीनार
भारतीय सड़क कांग्रेस द्वारा साल में दो से तीन सेमीनार और प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं। यह इंटरनेशनल सेमीनार बेंगलुरु में 25 से 27 सितंबर तक के लिए आयोजित किया गया है। इसका विषय एडवांस ब्रिज मैनेजमेंट है। इसके पहले बिहार, मुंबई और इंदौर में भी सडक़ों के सुधार तथा एडवांस तकनीक के गुर सीखने इंजीनियरों को बुलाया गया, लेकिन ट्रेनिंग लेने के कुछ समय बाद ही उस इंजीनियर का तबादला कर दिया जाता है। इसके पहले एडवांस ब्रिज मैनेजमेंट की ट्रेनिंग संजय खाड़े सहित अन्य अफसरों को दी गई, लेकिन अब वे दूसरे काम संभाल रहे हैं।