8 साल ईएनसी रहे अग्रवाल पर Lokayukta में मामला दर्ज

स्वतंत्र समय, भोपाल

लोक निर्माण विभाग में 8 साल ईएनसी रहे अखिलेश अग्रवाल पर लोकायुक्त ( Lokayukta ) भोपाल ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। ईएनसी रहते हुए अग्रवाल ने निविदा समिति भंग करने और अपनी मनमर्जी से समिति का गठन करने सहित टेंडरों की मंजूरी भी गड़बड़ी करने के आरोप लगे थे। अग्रवाल ने ठेकों में सरकार को करीब 200 करोड़ की चपत लगाई। शिकायत के बाद लोकायुक्त ने मामला दर्ज किया है।

Lokayukta में तत्कालीन ईएनसी पर 200 करोड़ की चपत लगाने का आरोप

लोकायुक्त ( Lokayukta )  में की गई शिकायत में कहा गया था कि पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन ईएनसी अग्रवाल द्वारा शासन के आदेश क्रमांक एफ-53/3/ 3644 दिनांक 13 जुलाई 2011 को प्रमुख अभियंता स्तरीय समिति गठित की गई थी। इस पर ईएनसी ने आदेश क्रमांक 401/स/ 20/ निविदा समिति 15 जून को बदल दी और कई अन्य इंजीनियरों के नाम इसमें जोड़ दिए। भोपाल निवासी संजय पारे नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि पीडब्ल्यूडी के ईएनसी रहे अखिलेश अग्रवाल द्वारा शासन द्वारा गठित निविदा समिति को भंग कर बिना शासन के अनुमोदन मनमाने तरीके से स्वयं की सुविधा अनुसार निविदा समिति गठित कर मनमाने ढंग से टेंडर स्वीकृत कराने की वजह से सरकार को करीब 200 करोड़ की चपत लगी है। अखिलेश अग्रवाल ईएनसी के पद से रिटायर होने के बाद मप्र आरडीसी में सलाहकार के रूप में संविदा पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

टेंडर मंजूरी के खेल में सरकार को लगा चूना

लोकायुक्त से की गई शिकायत में बताया कि जबलपुर जिले के अंतर्गत कटंगा ग्वारीघाट मार्ग लंबाई 20 किमी के उन्नयन कार्य की निविदा लागत 16.11 करोड़ कार्यपालन यंत्री जबलपुर संभाग ने आमंत्रित की थी, जिसे प्रथम आमंत्रण की निविदा प्रतिशत दर कम करके 1595 लाख को चीफ इंजीनियर ने अस्वीकृत कर दिया। द्वितीय आमंत्रण में प्रतिशत दर कम करके लागत 1644 लाख आई। जिसे कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, सीई की अनुशंसा पर विचार कर ईएनसी अखिलेश अग्रवाल ने द्वितीय निविदा आमंत्रण के स्थान पर प्रथम आमंत्रण की निविदा दर्शाकर स्वीकृति की अनुशंसा के साथ प्रकरण राज्य शासन को भेज दिया और शासन के संज्ञान में यह नहीं लाने दिया कि इसके पूर्व इसी कार्य की लगभग 48.55 लाख कम लागत की निविदा अस्वीकृत की जा चुकी है। इस तरह के कई मामलों में अग्रवाल ने सरकार को करीब 200 करोड़ की चपत लगाई। लोकायुक्त ने मामले की जांच-पड़ताल के बाद शिकायतकर्ता की शिकायत पर 22 जुलाई 2024 को संगठन में प्रकरण क्रमांक 219/ई/2024 पंजीबद्ध किया है। इस मामले में पूर्व ईएनसी अखिेलश अग्रवाल से बात करनी चाही तो उनका कॉल डायवर्ट हुआ और बात नहीं हो सकी।