स्वतंत्र समय, इंदौर
खाली प्लाट पर मंदिर निर्माण को लेकर हुए विवाद में भाजपा नेता ( BJP leader ) महू मंडल अध्यक्ष मनोज पाटीदार की कॉलर पकडऩा पांच पुलिस वालों को भारी पड़ गया। भाजपा नेताओं के हंगामा करने और बात उच्च स्तर तक करने के बाद सहायक थानेदार जयदेव गोरखड़े के साथ ही सिपाही सुखराम गिरवाल, विजय अंडेलकर को लाइन अटैच किया गया है। वहीं सिपाही योगेंद्र चौहान, कृष्णा मालवीय को सस्पेंड किया गया है।
BJP leader ने पुलिसकर्मियों को कहे थे अपशब्द
कोदरिया गांव की अयोध्यापुरी कॉलोनी जो पाटीदार के पिता और बीजेपी नेता ( BJP leader ) अशोक पाटीदार ने काटी थी। यहां पर एक खाली प्लाट पर मंदिर निर्माण को लेकर विवाद हुआ। मौके पर मुकेश पाटीदार और नायब तहसीलदार भी थे। विवाद होने पर टीआई संजय द्विवेदी को शिकायत हुई, उन्होंने वहां पर सहायक थानेदार और पांच पुलिसकर्मी को पहुंचाया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और पाटीदार के बीच ही हुज्जत शुरू हो गई। पाटीदार ने अपनी नेतागिरी दिखाई और अपशब्द कहे। इस पर पुलिस वाले भी तैश में आ गए और कॉलर पकडक़र घसीटकर उन्हें पुलिस जीप में बैठाकर थाने ले आए। थाने पर पहुंचने की खबर लगने पर बीजेपी नेताओं का मजमा लग गया और विधायक उषा ठाकुर भी एक्शन में आ गई। कहा गया कि पुलिस ने गलत व्यवहार किया और खुद पाटीदार ने ही पुलिस को विवाद सुलझाने बुलाया और उन पर ही उलटे कार्रवाई कर दी। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संज्ञान लिया और कार्रवाई कर दी।
पाटीदार पर लग चुका डकैती का आरोप
पाटीदार की तीखे तेवर पहले से ही चर्चित है और अधिकारियों के साथ उलझना उनके लिए नई बात नहीं है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर आरएस दुबे ने वन विभाग की जमीन पर काम होने पर डंपर व अन्य वाहन जब्त किए तो इस पर तत्कालीन मंत्री उषा ठाकुर, पाटीदार व अन्य ने जाकर इन्हें छुड़ा लिया। इस पर दुबे ने इन सभी पर डकैती डालने की पुलिस में शिकायत कर दी। हालांकि, बाद में मामले में इनका तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन दुबे निपट गए और उनका ट्रांसफर हो गया था।