MP Weather: नवरात्रि तक ऐसे ही बरसेंगे बदरा, कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, जारी हुआ यलो अलर्ट

MP Weather: मध्य प्रदेश में मानसून अपने विदाई के दौर में भी सक्रिय बना हुआ है और जोरदार बारिश हो रही है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश जारी है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति भी बन रही है। कुछ इलाकों में बारिश रुक-रुक कर हो रही है, जबकि अन्य जगहों पर लगातार बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक इसी प्रकार का मौसम बना रहने की संभावना है। भारी बारिश से नदियां और जलाशय उफान पर हैं, जिसके चलते प्रशासन ने कई क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।

मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई अभी धीमी होती नजर नहीं आ रही है, और 30 सितंबर तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र (सिस्टम) के कारण मानसून की गतिविधियाँ सक्रिय बनी हुई हैं। यही कारण है कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश लगातार हो रही है। हालांकि, 1 अक्टूबर के बाद मानसून की गतिविधियों में कमी आ सकती है, जिससे बारिश का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो सकता है। लेकिन तब तक प्रदेश में कुछ जगहों पर भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बने रहने का अनुमान है। लोगों को सतर्क रहने और मौसम के ताजा अपडेट्स पर ध्यान रखने की सलाह दी गई है।

मध्य प्रदेश में इन दिनों मानसून पूरी ताकत से बरस रहा है, और राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने एक बार फिर भोपाल, सागर, और अन्य संभागों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। लगातार हो रही इस बारिश से नदियां उफान पर हैं और कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। आने वाले दिनों में भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

मध्य प्रदेश में मानसून अपने अंतिम चरण में होने के बावजूद पूरे दमखम से सक्रिय है। इंदौर, उज्जैन समेत कई हिस्सों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में रिमझिम और हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे पूरे राज्य में बारिश का दोहरा रूप देखने को मिल रहा है—कुछ हिस्सों में भारी बारिश तो कुछ में हल्की फुहारें। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के प्रभाव से 25 सितंबर से प्रदेश में भारी बारिश हो रही है, जिससे मानसून की गतिविधियाँ एक बार फिर तेज हो गई हैं। अब माना जा रहा है कि यह मानसून की विदाई से पहले की अंतिम जोरदार बारिश है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में मानसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, और इसके बाद धीरे-धीरे बारिश में कमी देखने को मिलेगी।

मध्य प्रदेश में मानसून की गतिविधियाँ लगातार जोर पकड़ रही हैं, और बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों और राजस्थान में बारिश करा रहा है। इस प्रणाली के चलते गुना, सीधी, सिंगरौली, मंडला, शहडोल, ग्वालियर, शिवपुरी, और शाजापुर जिलों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। ग्वालियर और चंबल अंचल में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जबकि मालवा-निमाड़ अंचल अपेक्षाकृत सूखा बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों ने एक बार फिर ग्वालियर-चंबल अंचल में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस असमान बारिश के चलते प्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में बारिश की कमी देखी जा रही है। आगामी दिनों में मौसम का यही रुख बने रहने की संभावना है।