स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Siddaramaiah ) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए सिद्धारमैया के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
Siddaramaiah ने कहा यह उनके खिलाफ राजनीतिक मामला
पिछले हफ्ते बंगलूरू की एक विशेष अदालत ने इस मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस को जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें मुडा मामले में विपक्ष की ओर से निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वे उनसे डरे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक मामला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि वह जांच के आदेश के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और वह इस मामले को कानूनी तरीके से लड़ेंगे।
कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?
मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50 प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।