विपिन नीमा, इंदौर
लूट, चोरी, डकैती, वसूली जैसे जैसे अपराधों से भी साइबर ( Cyber ) क्राइम को सबसे खतरनाक अपराध माना गया है। यह ऐसा अपराध है जो घर बैठे बैठे ऑनलाइन के माध्यम से लोगों को ठगा जा रहा है। साइबर के अपराधियों ने इंदौर ही नहीं पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला रखा है। ये अपराधी फर्जी कम्पनियां बनाकर लोगों को सरे आम लूट रहे है। साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने तथा ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए देश की बड़ी-बड़ी जाँच एजेंसियां सीबीआई, ईडी , क्राइम ब्रांच , सीआईडी, पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। देश में इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही डिजिटल और ऑनलाइन धोखाधड़ी के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे है लेकिन इंदौर में साइबर अपराधों पर इंदौर पुलिस अंकुश लगाने में कामयाब साबित हो रही है। विगत दो सालों के रिकार्ड पर उठाकर देखे तो 2023 की तुलना में 2024 में साइबर अपराध का ग्राफ गिरा है। 2023 में जहां 183 शिकायतें हुई थी वहीं इस साल 1 अक्टूबर तक 138 शिकायतें दर्ज हुई है। इस संबंध में साइबर सेल इंदौर के एसपी जितेंद्रसिंह ने कहा की शिकायतों की संख्या लगातार कम हो रही है और अपराधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है।
बैंक अधिकारी बनकर Cyber ठगी की अधिक शिकायतें
देश में साइबर ( Cyber ) क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मौजूदा वक्त में ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह काफी सक्रिय हैं. ये भोले भाले आम लोगों को तो अपना शिकार बनाते ही हैं, साथ ही काफी पढ़े लिखे नागरिकों को भी अपनी जाल में फंसा लेते हैं। बताया गया है की क्राइम ब्रांच के पास रोजाना साइबर अपराध की 30 से35 शिकायतें पहुंच रही हैं। सबसे अधिक शिकायतें बैंक अधिकारी बनकर ठगी की हंै। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट, इंस्टाग्राम पर दोस्ती कर शेयर और क्रिप्टो में निवेश की भी शिकायतें बढ़ रही हैं। बैंक अधिकारी बनकर ठगी के 9 मामलों में क्राइम ब्रांच ने पांच लाख रुपए वापस करवाए हैं, जबकि इस साल क्राइम ब्रांच समय रहते पुलिस के पास पहुंचने वाले लोगों के लगभग 5 करोड़ रुपए वापस करवाने में सफल रही है।
ऐसे होते ही साइबर के अपराध
साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कम्प्यूटर एवं नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इस श्रेणी में गैरकानूनी ढंग से म्यूजिक फाइलों को डाउनलोड करने से लेकर ऑनलाइन बैंक खातों से पैसा चुराना तक कई किस्म के अपराध आते हैं। साइबर अपराधी हमेशा धन के लालच में साइबर अपराध नहीं करते। साइबर अपराधों में गैर-आर्थिक अपराध भी शामिल होते हैं। इसमें कई तरह की धोखाधड़ी जैसे नौकरी संबंधी धोखाधड़ी,विवाह संबंधी धोखाधड़ी, संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी (जैसे-आधार से जुड़ी सूचनाएं, क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी, बैंक खाते की जानकारी इत्यादि) की चोरी और गलत इस्तेमाल, सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति की मानहानि, कम्प्यूटर वायरस का प्रसार इत्यादि सभी शामिल होता है।
साइबर क्राइम के लिए क्राइम ब्रांच को नोडल एजेंसी माना गया है
मध्य प्रदेश में साइबर थाना सिर्फ एक ही है जो भोपाल में राज्य साइबर सेल मुख्यालय में स्थित है। इसके अतिरिक्त इंदौर, उज्जैन, जबलपुर एवं ग्वालियर में जोनल कार्यालय हैं। सभी जिलों में कोतवाली थाने को साइबर नोडल थाना माना गया है एवं इंदौर ,भोपाल जैसे महानगरों में क्राइम ब्रांच को साइबर क्राइम हेतु नोडल एजेंसी माना गया है। साइबर सेल को 2 लाख से अधिक के फाइनेंशियल फ्रॉड्स के अतिरिक्त गंभीर एवं तकनीकी रूप से जटिल साइबर क्राइम के प्रकरणों को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है।
साइबर सेल में फाइनेंशियल साइबर क्राइम की वो ही शिकायतें दर्ज की जाती हैं जिनमे 2 लाख से ज्यादा राशि की ठगी की गई हो।
– जितेंद्र सिंह,
एसपी साइबर सेल इंदौर