स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र पाठ्य पुस्तक निगम में पदस्थ महिला वित्त ( Finance ) महाप्रबंधक अंजू सिंह ने निगम में अनियमितताएं की है। साथ ही इनके दो दस्तावेज सामने आए हैं, जिसमें एक में पति राकेश कुमार सिंह हैं तो दूसरे में ऋषि राज वर्मा नाम लिखा है। एक दस्तावेज 8 जनवरी 2024 का है तो दूसरा 10 नवंबर 2017 का है।
Finance विभाग से जानकारी भी मांगी जा रही है
यह खुलासा होने के बाद ही स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने यह कहकर महिला वित्त ( Finance ) अधिकारी की सेवाएं वित्त विभाग को लौटा दीं है। उन्होंने नोटशीट में लिखा-जिस अफसर की पहचान ही संदिग्ध है, उससे फाइनेंस से जुड़ा बड़ा काम कैसे करा सकते हैं। पाठ्य पुस्तक निगम में बड़े पैमाने पर टेंडर व बैंकों को भुगतान किया जाता है। निगम के एमडी विनय निगम ने स्कूल शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद तुरंत महिला वित्त अधिकारी अंजू सिंह की सेवाएं वित्त विभाग को लौटा दी। साथ ही कहा कि नए अधिकारी को निगम में पदस्थ किया जाए। अंजू सिंह को निगम से रिलीव भी कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि निगम वित्त विभाग से यह जानकारी भी मांगी जा रही है कि कहीं अंजू सिंह नाम की दो महिलाएं तो नहीं, यदि ऐसा है तो स्पष्ट करें। इस मामले में पाठ्यपुस्तक निगम के प्रबंध संचालक विनय निगम ने वित्त सचिव को पत्र लिखते हुए कहा कि उक्त महिला अधिकारी रिटायर कर्मचारियों के हक का पैसा देने में अनावश्यक देरी करती हैं। निगम के कर्मचारियों का हर माह ईपीएफ काटने के बाद भी राशि ईपीएफओ में जमा नहीं करातीं। डिपो में काम पूरा हो जाने के बाद भी अग्रिम भुगतान करने में कई माह लगाती हैं। रसीदों को ठीक तरह से नहीं रखने की वजह से दोबारा भुगतान होने की स्थिति बनना। प्रिंटर के द्वारा जीएसटी भरने के बाद यह पैसा जीएसटी दफ्तर में जमा नहीं कराना आदि शिकायतों के चलते इन्हें हटाया जाए।
पूर्व मंत्री के यहां से मिली थी पहली शिकायत
सात साल से निगम में वित्त महाप्रबंधक अंजू सिंह के विरुद्ध पहली शिकायत तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के कार्यालय से आई थी। इसमें बताया गया था कि अधिकारी की सेवा पुस्तिका में पति राकेश कुमार सिंह लिखा है। मप्र पाठ्यपुस्तक निगम में जब अधिकारी ने दस्तावेज लगाए तो उसमें बैंक की पासबुक की नकल में ऋषिराज वर्मा का नाम लिखा था। इंदर सिंह के दफ्तर की शिकायत के बाद निगम ने वित्त विभाग से पहचान संदिग्ध होने की स्थिति में सही पहचान को प्रमाणित करने के लिए कहा गया है। उधर, मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक के एमडी विनय निगम ने कहा कि हमने मामले के जांच के लिए वित्त विभाग को पत्र लिखा है।