स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेशवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य शासन ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू कर रखा है, लेकिन विभागों में सीधे सीएम से जुड़ीं सीएम हेल्पलाइन ( CM Helpline) और समाधान ऑनलाइन सुविधाओं को भी मजाक बना दिया है। कई विभागों में समाधान ऑनलाइन की ही 3 लाख 39 हजार से ज्यादा शिकायतें 100 सौ दिन की सीमा भी छोटी पड़ गई है तो सवा दो लाख से ज्यादा शिकायतों का ढेर सीएम हेल्प लाइन में ही लगा हुआ है। इनमें भी सवा लाख से ज्यादा शिकायत केवल महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में लंबित हैं।
राज्य शासन की योजना CM Helpline प्राथमिकता में शामिल
राज्य शासन से जुड़ी व्यवस्था को लोक कल्याण से जोड़ते हुए सीएम हेल्प लाइन ( CM Helpline ), समाधान ऑनलाइन, लोक प्रबंधन जैसी योजनाएं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी प्राथमिकता में शामिल कर रखा है। समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होती है। यही वजह है कि प्रदेश के लोगों का भी इन पर विश्वास बढ़ता जा रहा है। सरकारी विभागों से जुड़ी अपनी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और समाधान ऑनलाइन में दर्ज कराके हर कोई मानता है कि अब तत्काल निराकरण हो जाएगा। मगर अब विभागों में लोगों की शिकायतें हल होने के बजाय पेंडिंग ज्यादा हो रहे हैं। जनता से सीधे जुड़े राज्य शासन के 13 विभागों में ही सीएम हेल्पलाइन के 225804 शिकायतें सालों से हल नहीं हो सकी हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 64 हजार 600 शिकायतें महिला एवं बाल विकास में पेंडिंग हैं तो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में भी 60406 मामले अटके हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, गृह, राजस्व, ऊर्जा विभाग में भी लंबित शिकायतों की संख्या 10 हजार से ज्यादा बनी हुई है।
सौ दिन की सीमा भी छोटी पड़ी
लोक प्रबंधन से जुड़ी इन योजनाओं में सौ दिन तो बहुत बड़ा पीरिएड माना जाता है। कोई विभाग या जिला किसी मामले को सौ दिन तक हल नहीं कर पा रहा है तो मामला बहुत पेंचीदा मान लिया जाता है। इनकी मॉनीटरिंग भी सीधे सीएम सचिवालय स्तर से की जाने लगती है। बावजूद इसके प्रदेश में 3 लाख 39 हजार 727 शिकायतें 100 से ज्यादा से लंबित हैं। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
सीएम 28 को करेंगे समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव 28 अक्टूबर को सीएम हेल्प लाइन और समाधान एक दिवस की लंबित शिकायतों की समीक्षा कर सकते हैं। इसके मद्देनजर सभी विभाग अब अपनी लंबित शिकायतों के निराकरण में जुट गए हैं। सभी विभाग लोक प्रबंधन से जुड़े मामलों को लेकर अचानक सक्रिय हो गए हैं। कई विभाग शिकायतों को खत्म करने का दबाव भी बनाने लगे हैं।
इन मामलों पर चर्चा करेंगे मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता (संबल) में पात्रतानुसार राशि न मिलना, प्रधानमंत्री आवास की राशि न मिलना, विवेचना एवं प्रकरण अदालत में भेजने में देरी, कर्मकारों से जुड़े मामले, नामांतरण-बंटवारे में देरी, बिजली न आने व वोल्टेज से जुड़ी शिकायतें, छात्रवृत्ति से जुड़े मामले, नए राशन कार्ड न बनना, आवास सहायता राशि न मिलना आदि शामिल हैं।
सीएम हेल्पलाइन के लंबित मामलेे…
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महिला एवं बाल विकास 64600
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लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 60406
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पंचायत एवं ग्रामीण विकास 15870
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गृह 13345
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श्रम 12625
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राजस्व 12043
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ऊर्जा 10979
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अनुसूचित जाति कल्याण 8076
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पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक 7175
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खाद्य नागरिक आपूर्ति 5312
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स्कूल शिक्षा 4435
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जनजातीय कार्य 543
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अनुसूचित जनजाति कल्याण 395