पुलों की कंसलटेंसी में गड़बड़झाला EOW में दर्ज, होगी कार्रवाई

स्वतंत्र समय, भोपाल

राज्य सरकार ने भोपाल के चर्चित बिल्डर एवं कंसलटेंट मेसर्स एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ईओडब्ल्यू ( EOW ) को खूली छूट दे दी है। पीडब्ल्यूडी के पांच अधिकारियों पर जालसाजी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया था। जिसमें इन्होंने सरकार को 13.86 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है।

इस मामले में EOW ने मामला दर्ज किया

सूत्रों के अनुसार, राज्य एवं मुख्य जिला मार्गों पर पुल के निर्माण के लिए सुपरविजन कंसलटेंसी जबलपुर का ठेका स्वीकृत हुआ था। इस निर्माण एजेंसी के लिए कंसल्टेंट एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड भोपाल को अधिकृत किया था। कुल 106 पुलों के निर्माण की निविदाओं की लागत 12.25 करोड़ रुपए थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के एनडीबी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और फाइनेंशियल एडवाइजर सहित अन्य तीन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते एलएन मालवीय को 26 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। इससे सरकार को 13 करोड़ 86 लाख रुपए की चपत लगी। इस मामले में ईओडब्लयू ( EOW ) ने अपराध क्रमांक 25/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 120 (बी)भारतीय दंड विधान एवं धारा 7 (सी) भ्रष्टाचार निवारण में मामला दर्ज किया था। जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, उस मामले में ईएनसी ने 9 सितंबर को राज्य सरकार को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी थी।

फर्जी रसीदें लगाकर लिया टेंडर

निविदा लेने के लिए मेसर्स एलएन मालवीय इंफ्रा कंपनी ने इंडियन रोड कांग्रेस की जो रसीदें लगाई थी, वह फर्जी थी। कंपनी ने कुल 21 फर्जी रसीदें लगाई, जिनको पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने आंख मूंदकर सत्यापित कर दिया। अफसरों ने जानबूझ कर कंपनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से अधिक अंक देते हुए टेंडर भी स्वीकृत कर दिया। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर एलएन मालवीय, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण यंत्री सजल उपाध्याय, एसई एमपी सिंह तत्कालीन ईएनसी और पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन फाइनेंशियल एडवाइजर आरएन मिश्रा को आरोपी बनाया गया है।

सरकार ने ईएनसी से कहा-डीई की कार्रवाई करें

सूत्र बताते है कि लोक निर्माण विभाग ने ईएनसी को पत्र लिखते हुए इस मामले में मूल दस्तावेज ईओडब्ल्यू को उपलब्ध कराने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अनुसार एफआईआर में दर्शित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने के लिए ईओडब्ल्यू जबलपुर को पृथक से प्रस्ताव भेजने और मेसर्स एलएन मालवीय इन्फ्रा प्रोजेक्ट के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को स्वतंत्र एजेंसी कहते हुए कार्रवाई करने की छूट दे दी है। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर डीई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।