गुजरात के कांडला में मंगलवार को इमामी केमिकल फैक्ट्री में एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें जहरीली गैस के रिसाव के कारण पांच मजदूरों की जान चली गई। मृतकों में से तीन मजदूर मध्य प्रदेश के थे। जानकारी के अनुसार, ये मजदूर कंपनी के रासायनिक टैंक की सफाई करते समय हादसे का शिकार हुए। घटना के तुरंत बाद सभी मजदूरों को नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के दौरान ही उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवारों में दुख का माहौल पैदा किया है, बल्कि यह औद्योगिक सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीर सवाल उठाता है। गुजरात के कांडला में इमामी केमिकल फैक्ट्री में हुई घटना के बाद मजदूरों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। मजदूरों ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिसके कारण यह दुखद हादसा हुआ।
मृतक मजदूरों के शव रामबाग अस्पताल में रखे गए थे, जहां स्थानीय पुलिस और अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। पीड़ित परिवारों और समुदाय के लोगों ने न्याय की मांग की है और कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है। यह स्थिति औद्योगिक सुरक्षा और मजदूरों के अधिकारों पर भी गंभीर सवाल उठाती है, जिससे यह स्पष्ट है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कांडला में हुई फैक्ट्री में जहरीली गैस लीक के कारण मजदूरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि गुजरात के कांडला स्थित फैक्ट्री में हुए इस भीषण हादसे में मध्य प्रदेश के तीन नागरिकों की असामयिक मृत्यु की खबर अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है।
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा है कि इस दु:ख की घड़ी में उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस कठिन समय में सभी पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
सीएम ने मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से ₹2-2 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने बाबा महाकाल से प्रार्थना की कि मृतकों की पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवारों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। यह कदम सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को समर्थन और सहायता देने का प्रयास है, ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में कुछ राहत मिल सके।