Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब पीने से मचा कोहराम, 4 दिन में 36 मौतें, 40 की हालत गंभीर

Bihar Hooch Tragedy: बिहार के सिवान जिले में जहरीली शराब पीने से हाल ही में 5 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, 3 अन्य लोग गंभीर स्थिति में हैं, जिनमें से एक को पटना रेफर किया गया है, जबकि बाकी दो का इलाज सदर अस्पताल में जारी है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में चिंता और हड़कंप मचा दिया है, और प्रशासन ने शराबबंदी के नियमों को लागू करने के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है।

सिवान जिले के अलावा सारण जिले के छपरा में भी जहरीली शराब के सेवन से 2 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा, 2 अन्य लोग गंभीर हालत में हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटनाएं एक बार फिर शराबबंदी के नियमों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाती हैं और स्थानीय प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाती हैं।

यह घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के कौड़ियां पंचायत के वैश्य टोला और आसपास के गांवों में हुई। स्थानीय निवासियों का दावा है कि इस घटना में 10 से अधिक लोग जहरीली शराब पीने से मर चुके हैं। महाराजगंज के एसडीएम अनिल कुमार ने पुष्टि की है कि ये मौतें शराब पीने के कारण हुई हैं। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करने और स्थिति की जांच के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

मृतकों में कौड़िया वैश्य टोला के अरविंद सिंह (40 वर्ष), रामेंद्र सिंह (30 वर्ष), संतोष महतो (35 वर्ष), मुन्ना कुमार (32 वर्ष), और रविंद्र सिंह शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विलासपुर और सरसैया में भी कुछ मौतों की खबरें आई हैं, लेकिन उनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। डीएम मुकुल कुमार गुप्ता और एसपी अमितेश कुमार मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं। इस बीच, ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस को अवैध शराब के कारोबार की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय निवासियों की यह नाराजगी प्रशासन की कार्रवाई की प्रभावशीलता पर सवाल उठाती है और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को स्पष्ट करती है।

बिहार में अप्रैल 2016 से शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद शराब की तस्करी जारी है। सरकार ने स्वीकार किया है कि 2016 से अब तक 150 से अधिक लोग जहरीली शराब पीने से जान गंवा चुके हैं। इस स्थिति ने शराबबंदी की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है, और कई बार सरकार को अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस होती है। हाल की घटनाएं इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा देती हैं।