Karwa Chauth Vrat : करवा चौथ का व्रत, जो अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन कर पूजा के बाद व्रत का पारण करती हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पूजा के लिए केवल 1 घंटा 16 मिनट का शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेगा। इसके साथ ही, इस बार करवा चौथ पर पांच शुभ योग भी बन रहे हैं, जो इसे और अधिक फलदायी बनाते हैं। इन योगों का विशेष लाभ वृषभ, कन्या, और तुला राशियों को प्राप्त होगा। इन राशियों के जातकों के लिए यह समय सौभाग्य और समृद्धि की दृष्टि से अत्यधिक अनुकूल माना जा रहा है, जिससे उन्हें व्रत का लाभ अधिक मिलेगा।
इस साल करवा चौथ पर बन रहे शुभ योग ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विशेष महत्व रखते हैं। सूर्य और बुध ग्रह, दोनों शुक्र की राशि तुला में स्थित हैं, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। यह योग व्यक्ति की मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं को बढ़ाता है और सौभाग्य का कारक माना जाता है।
इसके अलावा, शुक्र वृश्चिक राशि में स्थित होकर गुरु ग्रह के साथ समसप्तक योग का निर्माण कर रहा है। यह योग संबंधों में सामंजस्य और समृद्धि लाने में सहायक होता है। समसप्तक योग का प्रभाव विशेष रूप से उन लोगों पर पड़ेगा जिनकी कुंडली में शुक्र और गुरु की स्थिति मजबूत है। इस बार के करवा चौथ पर बन रहे ये शुभ योग व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी माने जा रहे हैं, खासकर वृषभ, कन्या, और तुला राशियों के लिए।
इस वर्ष करवा चौथ पर बन रहे विशेष योगों में शनि का अपनी राशि कुंभ में रहना भी शामिल है, जिससे शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। शश राजयोग को अत्यधिक शुभ माना जाता है, और यह व्यक्ति को सत्ता, प्रतिष्ठा और स्थिरता प्रदान करता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत है, उन्हें इस योग का विशेष लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, चंद्रमा वृषभ राशि में गुरु के साथ युति करके गजकेसरी राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। गजकेसरी राजयोग को समृद्धि, शक्ति और सफलता का सूचक माना जाता है। यह योग व्यक्ति को समाज में सम्मान और आर्थिक लाभ प्रदान करता है। इस साल करवा चौथ पर बन रहे इन शुभ योगों का प्रभाव व्रत रखने वालों के जीवन में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा, खासकर उन राशियों के लिए जिनकी कुंडली में चंद्रमा और गुरु का अनुकूल प्रभाव है।
इस वर्ष करवा चौथ व्रत की शुरुआत 20 अक्टूबर को होगी, जिसमें कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ सुबह 6:46 बजे से होगा, और इसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे होगा।
चंद्रोदय 20 अक्टूबर को शाम 8:18 बजे निर्धारित है।
सरगी का समय: परंपरा के अनुसार, सूर्योदय से लगभग दो घंटे पहले तक सरगी ग्रहण की जा सकती है। इस साल सरगी खाने का सर्वोत्तम समय 3:12 बजे से 4:37 बजे तक है।
करवा चौथ पूजा का समय: पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से रात 7:09 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 1 घंटा 16 मिनट है।
व्रत की अवधि: करवा चौथ व्रत का समय सुबह 6:25 बजे से रात 7:54 बजे तक रहेगा, यानी कुल 13 घंटे 29 मिनट तक व्रत रखा जाएगा।
इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए उपवास रखेंगी और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी।
करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी से की जाती है, जिसे सूर्योदय से पहले ग्रहण किया जाता है। सरगी एक विशेष परंपरा है, जिसमें सास अपनी बहू को व्रत के लिए आशीर्वाद और उपहार के रूप में एक थाली देती है। यदि सास न हो, तो घर की बड़ी महिला सदस्य या ननद यह सरगी दे सकती है।
सरगी की थाली में पारंपरिक रूप से कुमकुम, बिंदी, मेहंदी, साड़ी, सिंदूर, बिछिया (पैर की अंगूठी), सूखे मेवे, मिठाई, ताजे फल और शगुन मनी (धन) शामिल होते हैं। इसके अलावा, सरगी में पौष्टिक भोजन भी होता है ताकि महिलाएं दिन भर उपवास के दौरान ऊर्जा प्राप्त कर सकें। सरगी न केवल व्रत की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि बहू और सास के बीच के रिश्ते को भी मजबूत बनाने का अवसर है।