प्रतिबंध के बाद भी Mahakal मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे शिंदे के बेटे

स्वतंत्र समय, उज्जैन/भोपाल

महाकाल ( Mahakal ) मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद गुरुवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे गर्भगृह में प्रवेश कर गए। वे पत्नी और दो अन्य लोगों को भी साथ ले गए। गर्भगृह में चारों 6 मिनट तक रहे। वीआईपी के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर फिर विवाद खड़ा हो गया है। उनके गर्भगृह में प्रवेश के फोटो- वीडियो सामने आए हैं।

Mahakal में 50 फीट दूर से दर्शन कर सकते हैं

गुरुवार शाम 5.38 बजे सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी और दो अन्य लोग महाकाल ( Mahakal ) मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते दिखाई दिए। भगवान महाकाल के शृंगार के दौरान चारों ने शिवलिंग के पास बैठकर पूजा की। गौरतलब है कि मंदिर के गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर 1 साल से रोक लगी हुई है। सिर्फ पंडे – पुजारियों को ही प्रवेश की अनुमति है। श्रद्धालु शिवलिंग से 50 फीट दूर से दर्शन कर सकते हैं। 4 महीने में यह चौथी बार है, जब किसी वीआईपी ने मंदिर के नियम तोड़े हैं।

सुरक्षाकर्मियों सहित किसी ने रोका क्यों नहीं?

श्रीकांत शिंदे और उनके साथ आए लोग जब महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर रहे थे, तब उनके साथ सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौर और गर्भगृह निरीक्षक भी थे। इनके प्रवेश पर रोक क्यों नहीं लगाई गई, यह बड़ा सवाल है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे मुंबई की कल्याण लोकसभा सीट से तीन बार के सांसद हैं। वे 2014, 2019 और फिर 2024 में शिव सेना पार्टी से चुनाव जीते और सांसद बने। वे ऑथोर्पेडिक सर्जन भी हैं।

कांग्रेस विधायक ने जताया विरोध

तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा, आम श्रद्धालु लंबी लाइन में लगकर बाबा के दरबार में पहुंचता है। उनको दूर से दर्शन करवा रहे हैं और वीआईपी बिना परमिशन गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं। हम इसका विरोध करते हैं।

अनुमति नहीं दी, एक्शन लेंगे: कलेक्टर

उज्जैन कलेक्टर और महाकाल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह ने कहा-हमने किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी है। गर्भगृह निरीक्षक और जो भी इस मामले में दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

सत्कार कर्मचारियों का भी प्रवेश प्रतिबंधित

श्री महाकालेश्वर मंदिर में अल सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान अब महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। मंदिर प्रशासन ने वीआईपी और प्रोटोकॉल भक्तों के साथ-साथ शासकीय सत्कार कर्मचारियों के प्रवेश पर नई पाबंदियां लगाई हैं। अब भस्म आरती के दौरान सत्कार कर्मचारी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह कदम मंदिर में भीड़ नियंत्रण और अधिक भक्तों को सहज दर्शन का मौका देने के लिए उठाया गया है। मंदिर में शहर के अलग-अलग विभागों से आने वाले प्रोटोकॉल भक्तों की भस्म आरती के दौरान उज्जैन में कार्यरत सत्कार कर्मचारी, भक्तों के साथ मंदिर में आकर उनके लिए जगह रोकने, व्यवस्था करने और भस्म आरती खत्म होने तक पूरे समय उनके साथ रहते थे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि शासकीय विभागों के सत्कार कर्मचारियों को भस्म आरती के दौरान मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।