प्रवीण शर्मा, भोपाल
जल संसाधन विभाग में एरियर्स के नाम पर ज्यादा राशि लेने का खुलासा हुआ है। इस मामले में विभाग एरियर्स का भुगतान करने से पहले कर्मचारियों से वचन पत्र ( Bond ) भरवाएगा। इसके बाद भुगतान करेगा। ऐसे ही वन विभाग में पदस्थ करीब 6 हजार फॉरेस्ट गार्ड्स द्वारा प्रशिक्षण के नाम पर ज्यादा वेतन लेने का मामला सामने आया था। इसके बाद विभाग ने पहले तो 185 करोड़ रुपए की वसूलने का आदेश जारी कर दिए फिर इस पर रोक लगा दी।
ईएनसी ने लिया Bond भरवाने का निर्णय
जल संसाधन विभाग के ईएनसी शिरीष मिश्रा ने इस मामले में निर्देश देते हुए कहा-शासकीय सेवकों को उच्चतर वेतनमान स्वीकृत आदेश जारी होने के पश्चात अथवा अन्य कारणों से वेतन निर्धारण के बाद उन शासकीय सेवकों को एरियर्स की राशि का अधिक भुगतान किए जाने के पूर्व प्रत्येक शासकीय सेवक से क्षतिपूर्ति, वचन पत्र ( Bond ) अनिवार्य रूप से लिया जाना चाहिए। जिससे अधिक भुगतान की गई राशि संबंधित अधिकारी, कर्मचारी से एक मुश्त अथवा सेवाकाल के आधार पर धीरे-धीरे उसके वेतन से कटौती करने के लिए वह सहमत है। सूत्रों के अनुसार कोषालय द्वारा वेतन निर्धारण अथवा पेंशन प्रकरण के निराकरण के समय वेतनमान निर्धारण में हुई गलतियों की वजह से उक्त राशि संबंधित सरकारी कर्मचारी से वसूली करने का निर्णय जल संसाधन विभाग ने लिया था। खासकर प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले कर्मचारियों ने वसूली से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। उक्त शासकीय सेवक के रिटायर होने के कारण न्यायालय द्वारा उक्त वसूल की गई अधिक राशि मय ब्याज सहित वापस करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे प्रकरणों की संख्या लगातार प्रदेश में बढ़ रही है। इस मामले में राज्य सरकार ने नाराजगी जताते हुए नियंत्रणकर्ता अधिकारी के विरुद्ध सरकारी कर्मचारी को अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली के निर्देश दिए जाते हैं और वह वसूली नहीं कर पाते।
प्रमोशन नहीं लेने वाले को उच्चतर वेतनमान नहीं
निर्देशों में कहा गया है कि समयमान वेतन योजना के अंतर्गत उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ लेने के पश्चात यदि कोई शासकीय सेवक बाद में नियमित प्रमोशन स्वीकार करने से इंकार करता है, तो उसे पूर्व से स्वीकृत उच्चतर वेतनमानों का वित्तीय लाभ देय नहीं होगा। जिन अधिकारियों, कर्मचारियों को समयमान वेतनमान स्वीकृत किया जा रहा है, उनके बारे में डीडीओ अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा।
किरण भाबोर को बनाया प्रशासकीय अधिकारी
जल संसाधन विभाग में कार्यरत सहायक यंत्री किरण भाबोर को ईएनसी मुख्यालय में कार्यपालन यंत्री सतर्कता की जिम्मेदारी सौंप रखी है। सतर्कता यानि विभिन्न अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरुद्ध चल रही जांच और शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए अपनी अनुशंसा करना। अब ईएनसी मुख्यालय ने किरण भाबोर को अपने वर्तमान कार्यों के साथ-साथ वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार प्रमुख अभियंता कार्यालय जल संसाधन विभाग में सौंप दिया है। इससे मुख्यालय में भी इंजीनियरों की कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है।