Mohan Cabinet Decision: मध्य प्रदेश में विभिन्न शासकीय विभागों में 1 लाख पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया दिसंबर तक शुरू की जाएगी। यह प्रस्ताव मंगलवार को मंत्रालय में हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में मंजूर किया गया। इसमें सबसे अधिक 46 हजार पद स्वास्थ्य विभाग के हैं, जो प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह भर्ती प्रक्रिया न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी, बल्कि प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक होगी।
महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के लिए 20,000 नए पदों के सृजन की अनुमति दी गई है, जिसमें 12,000 से अधिक सहायिका और 467 सुपरवाइजर के पद शामिल हैं। इसकी जानकारी देते हुए, मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से पहले रोजगार सृजन वाले विभागों को आगामी चार वर्षों के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। यह पहल न केवल महिला और बाल कल्याण के क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। यह आयोग आगामी चार महीनों में सभी जिलों का दौरा करेगा और तहसील, विकासखंड, जिला, और संभाग की सीमाओं में परिवर्तन के संबंध में लोगों से सुझाव एकत्र करेगा। इन सुझावों के आधार पर आयोग एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा।
इस आयोग के सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला शामिल हैं। आयोग का कार्यालय ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय में स्थित भवन में होगा। यह पहल प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों को लागू करने और जनता की आवश्यकताओं के अनुसार व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग बच्चियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत पीड़िताओं को शिक्षा, पुलिस सहायता, मातृत्व और नवजात शिशु देखभाल, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य बीमा, और देखरेख संस्थानों में आश्रय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
महत्वपूर्ण यह है कि लाभ प्राप्त करने के लिए पीड़िता के पास एफआईआर की प्रति होना अनिवार्य नहीं होगा। नाबालिग पीड़िताओं को गैर-संस्थागत देखभाल के लिए प्रति माह 4,000 रुपये भी दिए जाएंगे, जो मिशन वात्सल्य के तहत प्रदान किया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन कलेक्टर के माध्यम से किया जाएगा, और निर्भया फंड से प्रत्येक जिले को 10 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। यह पहल न केवल पीड़िताओं को सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उनके पुनर्वास में भी मददगार साबित होगी।
कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के उपचार में खर्च हुई राशि की प्रतिपूर्ति से संबंधित प्रस्ताव समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी निर्णय लिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में राहत प्रदान करना है, जिससे उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके।
इस बैठक में किए गए अन्य प्रस्तावों में विभिन्न विभागों में भर्तियों की प्रक्रिया, महिला एवं बाल विकास के लिए पदों का सृजन, और प्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के गठन जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन निर्णयों का उद्देश्य प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाना और सामाजिक कल्याण योजनाओं को प्रभावी बनाना है।