स्वतंत्र समय, भोपाल
नर्मदापुरम जिले ( होशंगाबाद) की कलेक्टर ( Collector ) सोनिया मीणा के नाम एक और विवाद जुड़ गया है। अपने खिलाफ छपी खबर से कलेक्टर इस कदर नाराज हो गईं कि पत्रकार की बहन को निशाना बना लिया। पहले तो बदला लेने के लिए पत्रकार की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहन के खिलाफ जांच करा दी, फिर नोटिस देने के जिद में समय भी नहीं देखा। टीम को देर रात ही भेजकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नींद से जगाकर नोटिस दिलवाया।
Collector की गुस्से की शिकार पत्रकार सिंगोरिया की बहन हैं
कलेक्टर ( Collector ) मीणा के गुस्से का शिकार बनी यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति बरदिया भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया की बहन हैं। इनके खिलाफ कलेक्टर ने दिन में जांच कराई और रात करीब साढ़े दस बजे नोटिस लेकर टीम उनके घर पहुंच गई। परिवार को नींद से उठाकर अधिकारियों ने उन्हें नोटिस दिया। वह भी बिना किसी गलती के। गलती केवल यह है कि उनके भाई कुलदीप ने अपनी वेबसाइट पर होशंगाबाद में खाद के लिए परेशान होते किसानों पर लाठीचार्ज की खबर चलाई थी. इससे कलेक्टर नाराज चल रही थीं। जैसे ही उन्हें मातहतों ने बताया कि कुलदीप की बहन उन्हीं के जिले में आगंनबाणी कार्यकर्ता हैं। कलेक्टर मीणा के तत्काल 24 अक्टूबर को सिवनी-मालवा तहसील के जीरावेह गांव के आगंनबाणी केंद्र पर तहसीलदार कीर्ति पवार के नेतृत्व में जांच टीम पहुंचा दी। जांच में कुछ भी हाथ में न आने के बाद कलेक्टर ने अफसरों पर दबाव बनाकर नोटिस जारी करा दिया।
प्रभारी मंत्री तक पहुंची शिकायत
अपनी बहन के साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी कुलदीप ने जिले के प्रभारी मंत्री राकेश सिंह, सीएम कार्यालय के अधिकारियों और जनसंपर्क आयुक्त (मप्र) सुदाम खाड़े को दी। इसके बाद भी कलेक्टर ने मनमानी करते हुए एसडीएम के माध्यम से ज्योति बरदिया को कारण बताओ नोटिस जारी करा दिया। कलेक्टर मीणा पहले भी एक खबर से नाराज होकर पत्रकार के खिलाफ मानहानि का केस कर रखा है। अब जमानत रद्द कराकर उक्त पत्रकार को जेल भेजने की कवायद में जुटी हैं।
हाईकोर्ट दिखा चुका है नाराजगी
कलेक्टर मीणा का यह मिजाज हाईकोर्ट के सामने भी आ चुका है। जब एक मामले में खुद हाजिर न होकर एसडीएम के हाथों उन्होंने सीधे जज को पत्र भेज दिया था। इस पर हाइकोर्ट जज गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कलेक्टर नर्मदापुरम के यह आचरण अक्षम्य बताया था। जज को सीधे पत्र लिखकर कलेक्टर ने जमीन के एक मामले में पेशी में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने से छूट मांगी थी। यह केस नामों के म्यूटेशन से जुड़ा था। इसका वीडियो भी सामने आया था। जिसमें उन्होंने कलेक्टर को लेकर जमकर नाराजगी दिखाई थी। कलेक्टर मीणा के पिता भी आईएएस रहे हैं। वे केरल के सीएस भी रहे हैं।