स्वतंत्र समय, भोपाल
जंगली हाथियों ( Elephants ) से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए नवीन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। हाथी और मानव के बीच संघर्ष को रोकने के लिए राज्य सरकार एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) का उपयोग करेगी। इसके लिए ट्रेन और मालगाड़ी में ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे, जो ड्राइवर को दूर से ही हाथियों की हलचल बता देंगे। प्रदेश में यह प्रयोग जंगल में स्थित वन चौकियों में भी किया जाएगा, यहां जंगल से सटे गांव के नजदीक कैमरे और ध्वनि यंत्र लगाए जाएंगे, जिससे हाथी अगर ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उनके आवागमन का पहले से ही वन रक्षकों को पता चल जाए और हाथियों को ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश न करने देने के उपाय किए जा सकें। इसके साथ ही जंगली हाथियों को मानव फ्रेंडली बनाने के लिए हाथियों के नियमित रहवास क्षेत्र में पर्यटकों को प्राकृतिक रूप से हाथी दिखाए जाएंगे। वन विभाग हाथी-मानव संघर्ष रोकने के संबंध में रणनीति बना रहा है। इसके तहत कर्नाटक राज्य की तर्ज पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
Elephants की बढ़ती संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यशाला
प्रदेश में बाघ, तेंदुआ एवं हाथिय़ों ( Elephants ) की बढ़ती संख्या को देखते हुए वन्यजीव विशेषज्ञों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला भी की जाएगी। कार्यशाला में वन्यजीवों के प्रबंधन पर आवश्यक रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें देशभर के विशेषज्ञ अपने-अपने सुझाव देंगे और अपने राज्यों में किए गए प्रयोग भी साझा करेंगे। वन विभाग वन्यप्राणियों के हमले से होने वाली जनहानि पर मुआवजा बढ़ाने की तैयार कर रहा है। अभी जनहानि पर आठ लाख रुपए प्रति व्यक्ति मुआवजा राशि है। जिसे महाराष्ट्र राज्य की तर्ज पर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति किए जाने की तैयारी है, प्रस्ताव पर मंजूरी राज्य सरकार देगी।