6 Years Of Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान योजना में कैंसर पीड़ितों को राहत, इलाज कराने वाले 7 करोड़ में से 25 लाख रोगी इसी बीमारी से पीड़ित

6 Years Of Ayushman Bharat Yojana: आयुष्मान भारत योजना, जो सितंबर 2018 में शुरू हुई थी, ने अपने छह साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर, केंद्र सरकार ने एक नई पहल के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त बीमा कवर प्रदान करना शुरू किया है। इस योजना ने पिछले छह वर्षों में विशेष रूप से कैंसर रोगियों के लिए एक बड़ा सहारा प्रदान किया है, जिससे उन्हें इलाज का बेहतर अवसर और वित्तीय सुरक्षा मिली है। आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को सुलभ बनाना है, और इस नई सुविधा से वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी खर्चों से राहत मिलने की उम्मीद है।

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देशभर में अब तक सात करोड़ से अधिक लोगों का उपचार किया जा चुका है, जिसमें से 25 लाख लोग कैंसर के मरीज हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कैंसर के उपचार के लिए यह योजना कितनी महत्वपूर्ण साबित हुई है। स्पेशियलिटी के आधार पर देखा जाए तो कैंसर उपचार का यह चौथा सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो दर्शाता है कि इस योजना ने गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए कितना बड़ा संबल प्रदान किया है। आयुष्मान भारत योजना ने ऐसे मरीजों को वित्तीय राहत और बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई हैं, जिनके लिए महंगा इलाज कराना संभव नहीं था।

आयुष्मान भारत योजना के तहत कैंसर रोगियों को व्यापक सहायता मिली है, और यदि रेडिएशन ऑन्कोलॉजी (सिकाई) का लाभ लेने वाले रोगियों को भी जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या और अधिक बढ़ जाएगी। इस योजना का सबसे अधिक लाभ गुजरात में कैंसर रोगियों ने उठाया है, जबकि मध्य प्रदेश में भी एक बड़ी संख्या में लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। मध्य प्रदेश में अब तक 1,62,000 कैंसर रोगियों ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अपना उपचार कराया है। यह आंकड़े इस योजना की सफलता और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को दी गई सहायता को दर्शाते हैं, जिससे वे बेहतर और सुलभ इलाज प्राप्त कर सके।

‘पीएमजय’ डैशबोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत जनरल मेडिसिन के बाद सबसे अधिक लाभ कैंसर रोगियों ने लिया है। उत्तर प्रदेश में भी इस योजना से 88,000 कैंसर रोगियों ने उपचार कराया है, जहां कैंसर लाभार्थियों की संख्या के हिसाब से चौथे स्थान पर है।

सामान्य तौर पर, निजी और सरकारी अस्पतालों में मेडिसिन के बाद आर्थोपेडिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग, और शिशु रोग के रोगियों की संख्या अधिक होती है। लेकिन आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मेडिकल ऑन्कोलॉजी का स्थान विभिन्न राज्यों में पहले से लेकर चौथे स्थान तक बदलता रहता है।

देश भर में सबसे अधिक लाभ जनरल मेडिसिन, संक्रामक रोग, और सर्जरी के क्षेत्र में लिया गया है। प्रोसीजर के आंकड़ों में देखा जाए तो रोगियों ने सबसे अधिक लाभ हीमोडायलिसिस का उठाया है। देशभर में 64 लाख रोगियों ने डायलिसिस कराई है, जिसमें मध्य प्रदेश से 5,43,000 रोगी शामिल हैं। दूसरे स्थान पर मल्टीपल पैकेज (जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रोसीजर शामिल हैं) और तीसरे स्थान पर 57,000 मामलों के साथ सीजर डिलीवरी का लाभ लिया गया है।

मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए रोगियों की संख्या इस प्रकार है:

• मेडिसिन: 10 लाख रोगी
• मेडिकल ऑन्कोलॉजी (कैंसर, जिसमें सर्जरी शामिल नहीं): 1.62 लाख रोगी
• आर्थोपेडिक: 1.62 लाख रोगी
• स्त्री एवं प्रसूति रोग: 1.33 लाख रोगी
• हड्डी रोग: 1.04 लाख रोगी

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मध्य प्रदेश में इस योजना का सबसे अधिक लाभ जनरल मेडिसिन और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के रोगियों ने उठाया है।