तीन हजार करोड़ के भोपाल-जबलपुर Four lane में टूटी-फूटी सड़कें

स्वतंत्र समय, भोपाल

नेशनल हाइवे-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग फोरलेन ( Four lane ) में किया गया है। 315 किमी लंबे इस मार्ग को बनाने वाली कंपनियों ने इसे इतना घटिया निर्मित कराया कि जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा इस मार्ग की जांच कराने नोटशीट भी लिखी गई, लेकिन अफसरों ने तवज्जो नहीं दी। अब मंत्री राकेश सिंह की नाराजगी के बाद एसीएस ने एमपीआरडीसी के एमडी को पत्र लिखकर एक माह के भीतर जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

Four lane मार्ग में जगह-जगह हो चुके हैं गड्ढे

जबलपुर से हिरन नदी के पुल तक फोरलेन ( Four lane ) सडक़ का निर्माण बागड कंपनी ने किया है। भेड़ाघाट के आगे सडक़ पर दरारे साफ नजर आती हैं। ठेकेदार द्वारा इन्हें भरने का काम किया, लेकिन वाहनों की रफ्तार के आगे ये थिगड़े काम नहीं आ रहे हैंं। कई जगह क्रांकीट ने डामर के तरल को छोड़ दिया है जिससे दोबारा दरारें बन गई है। खैरी, बिलखिरवा और सहजपुर,शहपुरा, नटवारा,बेलखेड़ा तक सडक़ों पर दरारे बनी हुई है। स्थानीय लोगों की माने तो कई बार इन दरारों की वजह से वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है। गौहरगंज से बरेली तक का निर्माण बंसल ग्रुप द्वारा कराया गया है, पूरे मार्ग में जगह-जगह दरारें आ चुकी है। काम इतना घटिया है कि साइटें भरभराकर गिरने लगी है। जितने भी वायपास पुल निर्मित कराए गए हैं, उनके सब रोड का डामर पूरी तरह उखड़ गया है। जगह-जगह गड्ढे नजर आने लगे है। यहीं स्थिति बरेली से हिरण नदी और हिरण नदी से सिंगूर नदी तक फोरलेन मार्ग की है।

Four lane का काम बंसल सहित अन्य तीन कंपनियों ने किया

नेशनल हाइवे-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग टू लेन से फोरलेन ( Four lane ) में परिवर्तित किया गया है, दो साल पहले तक सडक़ों का काम पूर्ण कराया गया है। पहले इस मार्ग का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जाना था, लेकिन बड़ा प्रोजेक्ट होने की वजह से एनएचएआई ने इससे हाथ खड़े कर दिए। एनएचएआई ने केवल एक पैकेज में काम कराया, जबकि 4 पैकेज का काम बंसल सहित अन्य तीन कंपनियों ने किया। गौहरगंज से लेकर बरेली तक का पैकेज बंसल गु्रप द्वारा निर्मित कराया गया। पांच पैकेज के लिए 2600 करोड़ से अधिक का ठेका इन कंपनियों को दिया गया था। प्रत्येक पैकेज में 60 से 70 किमी मार्ग का निर्माण 600 से 800 करोड़ में 5 साल की परफार्मेंस गारंटी के साथ किया गया है। 315 किमी लंबे मार्ग का संधारण इन कंपनियों द्वारा कराया जाना है। इन कंपनियों ने टोल तो लगा दिए हैं, लेकिन फोरलेन सडक़ के मेंटेनेंस में लापरवाही बरती जा रही है।

घटिया सडक़ का मामला सदन में उठ चुका

तत्कालीन उदयपुरा विधायक देवेंद्र पटेल ने नेशनल हाइवे-12 में कराए गए निर्माण में घटिया सडक़ बनाने का मामला सदन में तीन साल पहले उठाया था। तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मार्ग के निर्माण में की गई लापरवाही और गड़बड़ी की जांच कराने का आश्वासन दिया गया। इस संबंध में उन्होंने तत्कालीन समय में एमपीआरडीसी के एमडी को पत्र भी लिखा, लेकिन अफसरों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

मंत्री ने फोरलेन की स्थिति देख जताई नाराजगी

पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह जबलपुर के निवासी है और वे भोपाल हमेशा सडक़ मार्ग से ही आतें हैं। उन्होंने जब नेशनल हाइवे-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग की स्थिति देखी तो अफसरों पर काफी नाराज हुए। मंत्री सिंह लगातार इसी मार्ग से आना-जाना करते हैं। कई बार उनका वाहन का पहिया दरारों में फंसा, जिसके कारण वाहन का झटका लगा। उन्होंने नेशनल हाइवे-12 की खराब स्थिति पर नाराजगी जताते हुए एसीएस पीडब्ल्यूडी केसी गुप्ता को जांच कराने के निर्देश दिए।

एमडी को जांच के लिए लिखा पत्र

नेशनल हाइवे-12 भोपाल-जबलपुर फोरलेन मार्ग की खराब स्थिति और सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे होने की शिकायत मिलने पर मंत्री राकेश सिंह ने जांच कराने के निर्देश दिए है। निर्माण कार्य की जांच एक माह में कराने एमपीआरडीसी के एमडी अविनाश लवानिया को पत्र लिखा है। एमडी एक टीम बनाकर इसकी जांच कराएंगे।
ठ्ठ केसी गुप्ता, एसीएस, लोक निर्माण विभाग