Animation Policy: मध्य प्रदेश आईटी के क्षेत्र में तेजी से उभरने के बाद अब एनिमेशन के क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। राज्य सरकार ने एनिमेशन नीति के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है, और यह जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृत होकर लागू हो सकती है। इस कदम के साथ, मध्य प्रदेश अपना खुद का एनिमेशन नीति लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। इससे पहले केरल ने यह नीति अपनाई थी। इस पहल से राज्य में एनिमेशन, गेमिंग और मल्टीमीडिया उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और युवाओं के लिए नए रोजगार और कौशल विकास के अवसर उत्पन्न होंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने एनिमेशन सेक्टर को “सनराइज सेक्टर” के रूप में मान्यता दी है, जो आर्थिक विकास और रोजगार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन सकता है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए, केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर पर एक एनिमेशन नीति लागू करने का फैसला किया है। इसके प्रभाव में, करीब दस राज्यों ने भी अपनी-अपनी एनिमेशन नीति तैयार करने की योजना बनाई है, ताकि इस क्षेत्र में युवाओं को नए अवसर मिल सकें और राज्य के आईटी व क्रिएटिव इंडस्ट्रीज का विकास हो सके। मध्य प्रदेश भी इन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जिसने एनिमेशन नीति को लागू करने का प्रारंभिक कदम उठा लिया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने नवंबर 2023 में एनिमेशन नीति को विकसित करने पर काम शुरू किया और अगस्त 2024 तक उसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया। अब इस ड्राफ्ट को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य कैबिनेट में भेजा जाएगा। मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के अधिकारियों के अनुसार, इस नीति का उद्देश्य एनिमेशन उद्योग को प्रोत्साहन देना और इस क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन करना है, जिससे राज्य के युवा अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें।
मध्य प्रदेश की एनिमेशन नीति का नाम एवीजीसी-एक्सआर नीति रखा गया है, जिसका पूरा नाम एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स एक्सटेंडेड रियलिटी है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार इन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने, कौशल विकास, और रोजगार के अवसरों का विस्तार करने का प्रयास करेगी। इसका उद्देश्य युवाओं को इन उभरते हुए क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण और नए करियर विकल्प उपलब्ध कराना है, जिससे राज्य में एवीजीसी-एक्सआर सेक्टर तेजी से विकसित हो सके।
एनिमेशन इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए गए इस नीति ड्राफ्ट में निवेशकों के लिए कई प्रकार की सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है, जो इस क्षेत्र में कंपनियों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सब्सिडी के ये प्रावधान राज्य में एनिमेशन, गेमिंग, और विजुअल इफेक्ट्स से जुड़े उद्योगों के विकास में सहायक होंगे। इसके चलते, मध्य प्रदेश में इस सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
मध्य प्रदेश की एवीजीसी-एक्सआर (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स एक्सटेंडेड रियलिटी) नीति के तहत, एनिमेशन क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई वित्तीय प्रोत्साहनों का प्रावधान किया है:
1.कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी: नए निवेश पर 25 प्रतिशत की कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक हो सकती है। यह सब्सिडी पांच करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर लागू होगी और इसके तहत कम से कम 50 नई नौकरियों का सृजन करना आवश्यक होगा।
2.ऑफिस स्पेस किराया प्रतिपूर्ति: कंपनियों को 15,000 वर्गफीट तक के ऑफिस स्पेस के किराये पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति वर्ष की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
इन प्रावधानों का उद्देश्य राज्य में एनिमेशन और संबंधित उद्योगों को स्थापित करना, निवेशकों को आकर्षित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
मध्य प्रदेश की एवीजीसी-एक्सआर नीति में एनिमेशन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रमुख प्रावधान शामिल किए गए हैं, जो राज्य में निवेश और रोजगार को बढ़ावा देंगे।
प्रमुख प्रोत्साहन
1.इंटरनेट शुल्क प्रतिपूर्ति: कंपनियों को इंटरनेट शुल्क की प्रतिपूर्ति दी जाएगी, जिससे तकनीकी कार्यों में सहूलियत मिलेगी।
2.विद्यार्थियों के लिए आईपी विकास प्रोत्साहन: विद्यार्थियों को आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) विकास के लिए 25 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
3.प्रोडक्शन सब्सिडी: कंपनियों को उत्पादन खर्च पर 35 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये प्रति कंपनी प्रति वर्ष है। यह सब्सिडी एक वर्ष में अधिकतम तीन बार ली जा सकती है।
संभावित प्रभाव
•रोजगार के अवसर: इस नीति से अगले पांच वर्षों में लगभग 50,000 नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। वर्तमान में इस क्षेत्र में लगभग 3,000 लोग कार्यरत हैं।
•कंपनियों की वृद्धि: वर्तमान में 250 से 300 एनिमेशन कंपनियां कार्यरत हैं, और अगले पांच वर्षों में 250 नई कंपनियों के आने की संभावना है।
•स्टार्टअप्स का विस्तार: इस नीति से एनिमेशन क्षेत्र में 150 नए स्टार्टअप शुरू होने का अनुमान है।
•सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: केंद्र सरकार की तर्ज पर, मध्य प्रदेश में एनिमेशन क्षेत्र के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र की शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
इन प्रावधानों से राज्य में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, और कॉमिक्स के क्षेत्र में व्यापक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
इंदौर में पहले से ही एनिमेशन सेक्टर का मजबूत आधार है, जहां लगभग 50 छोटे-बड़े संस्थान और लगभग 150 कंपनियां कार्यरत हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार की नई एवीजीसी-एक्सआर नीति लागू होने से इंदौर को सबसे अधिक लाभ होगा, क्योंकि यहां आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन पहले से ही उपलब्ध हैं।
इस नीति से स्थानीय कंपनियों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन मिलेंगे, जिससे इस सेक्टर में निवेश और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। साथ ही, अन्य राज्यों में काम कर रहे मध्य प्रदेश के युवा, जो एनिमेशन के क्षेत्र में कार्यरत हैं, वे भी इंदौर में वापसी का रुख करेंगे। इस तरह इंदौर, राज्य का एनिमेशन हब बनने की दिशा में तेजी से उभर सकता है।