Supermoon 2024: आज साल का आखिरी सुपरमून, क्या भारत में नजर आएगा ये खूबसूरत नजारा?

Supermoon 2024: साल 2024 का चौथा और आखिरी सुपरमून, जिसे बीवर मून के नाम से जाना जाता है, देखने के लिए पूरी दुनिया तैयार है। यह खगोलीय घटना 16 नवंबर 2024 को भारत में सूर्यास्त के बाद दिखाई देगी। इससे पहले अगस्त में ब्लू मून, सितंबर में हार्वेस्ट मून, और अक्टूबर में हंटर मून का नजारा देखा गया था। इस साल के आखिरी सुपरमून को खास बनाने वाली बात यह है कि इसके साथ प्लीएड्स नामक तारों का समूह भी नजर आएगा।

बीवर मून चंद्रमा का वह नाम है, जो सुपरमून के विशेष प्रकार को दर्शाता है। जैसे स्ट्रॉबेरी मून और ब्लू मून, वैसे ही यह भी चंद्रमा का एक विशेष रूप है। इसे बीवर मून इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में उस समय प्रकट होता है जब सर्दियों के लिए बीवर (जलीय जीव) अपने बांध तैयार कर रहे होते हैं। इस सुपरमून को अपनी चमक और आकार के लिए याद किया जाएगा क्योंकि यह सामान्य पूर्णिमा की तुलना में 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला होगा।

सुपरमून और सेवन सिस्टर्स का अद्भुत संगम

बीवर मून के दौरान चंद्रमा के साथ सेवन सिस्टर्स, जिसे खगोलीय भाषा में प्लीएड्स तारामंडल कहा जाता है, भी देखा जा सकेगा। यह नजारा रात के आकाश को और भी आकर्षक बनाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में यह खगोलीय घटना सूर्यास्त के 20-30 मिनट बाद देखी जा सकती है। इस दुर्लभ दृश्य का आनंद लेने के लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होगी।

सुपरमून कब और कैसे दिखाई देगा?

अंतरराष्ट्रीय मानक समय (UTC) के अनुसार, बीवर मून 16 नवंबर को तड़के 2:58 बजे से दिखाई देगा। भारत में यह सूर्यास्त के बाद नजर आएगा। चंद्रमा के उदय के तुरंत बाद ही लोग इस नजारे का आनंद ले सकेंगे। यह समय सामान्य रूप से रात 6:00 बजे के आस-पास हो सकता है।

सुपरमून क्या होता है?

सुपरमून एक खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक आकर पूर्णिमा का रूप लेता है। यह इस वजह से विशेष होता है क्योंकि उस समय चंद्रमा बड़ा और अधिक चमकीला दिखता है। चंद्रमा की कक्षा अंडाकार (elliptical) होती है, जिससे उसकी पृथ्वी से दूरी बदलती रहती है। जब यह दूरी सबसे कम होती है और उसी समय पूर्णिमा हो, तो इसे सुपरमून कहते हैं।

इस अद्भुत नजारे को कैसे देखें?

बीवर मून और सेवन सिस्टर्स को देखने के लिए आपको किसी दूरबीन या विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी। साफ आसमान में आप इसे अपनी आंखों से देख सकते हैं। बेहतर अनुभव के लिए खुले स्थान या कम रोशनी वाले क्षेत्र में जाकर इस नजारे का आनंद लें।