स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश के लोगों को संपत्ति कर के साथ सरचार्ज के रूप में अब फायर सेफ्टी ( Fire Safety ) टैक्स भी देना पड़ सकता है। वैसे शहरी निकाय लोगों से सफाई कर (कचरे) पर भी सालाना 750 रुपए वसूल रही है। दरअसल, सरकार जल्द ही प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने वाली है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस एक्ट का जो मसौदा तैयार किया है, उसमें फायर सेफ्टी टैक्स का प्रावधान है। इसमें फायर पुलिस के गठन का भी प्रस्ताव है। यदि कहीं आग लगती है तो फायर पुलिस उसी तरह काम करेगी, जैसे रेगुलर पुलिस करती है।
Fire Safety ड्रॉफ्ट पर वरिष्ठ सचिव समिति देगी मंजूरी
फायर सेफ्टी एक्ट के ड्राफ्ट में नॉर्म्स का पालन न करने पर सजा और जुर्माने के प्रावधान के साथ फायर सेफ्टी डायरेक्टर की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। डायरेक्टर फायर सेफ्टी नॉर्म्स पूरा होने पर एनओसी जारी कर सकेगा। प्रदेश में पिछले पांच साल से फायर सेफ्टी एक्ट लागू करने की कवायद चल रही है। अब जाकर इसका मसौदा तैयार हुआ है। विधि विभाग ने इसे स्वीकृति दे दी है। इस एक्ट पर विचार करने के लिए राज्य शासन के वरिष्ठ सचिवों की बैठक अगले सप्ताह प्रस्तावित है। 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में फायर सेफ्टी ( Fire Safety ) एक्ट का ड्राफ्ट पेश किया जा सकता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि एमपी में फायर सेफ्टी एक्ट लागू होता तो शायद ये हादसा नहीं होता। खास बात ये है कि हरदा हादसे के एक हफ्ते पहले 23 जनवरी को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को एक नोटशीट भेजी थी, जिसमें लिखा था कि प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू किया जाए।
सतपुड़ा भवन की जांच कमेटी ने की थी सिफारिश
सतपुड़ा भवन में आग लगने की जांच करने के लिए अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 287 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसमें यह सुझाव दिया गया था कि प्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू किया जाए। साथ ही फायर एंड सर्विसेस के लिए अलग से विभाग बनाने की सिफारिश की गई थी।