Jharkhand Election: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को 43 सीटों पर संपन्न हो चुका है। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस चरण में कई बड़े नेताओं की साख दांव पर है, जिनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और कल्पना सोरेन जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
दूसरे चरण में 38 विधानसभा सीटों पर मतदान होने जा रहा है, जिनमें से 33 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसकी सहयोगी आजसू ने 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। झामुमो के 20 प्रत्याशी और कांग्रेस के 13 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, आरजेडी ने 2 और CPI(ML) ने 3 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के लिए यह चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों को अपने गढ़ को बचाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड की धनावर विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होगा, क्योंकि यहां से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ झामुमो के निजामुद्दीन अंसारी और माले के राजकुमार यादव हैं, जिनके साथ उन्हें कड़ी टक्कर मिल सकती है।
गांडेय विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन चुनावी मैदान में हैं। इस सीट को झामुमो का गढ़ माना जाता है, और यहां से बीजेपी ने मुनिया देवी को प्रत्याशी बनाया है। कल्पना सोरेन के लिए अपनी राजनीतिक साख बचाना एक बड़ी चुनौती होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरेहट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर बीजेपी ने गमालियल हेम्ब्रम को उम्मीदवार बनाया है। हेमंत सोरेन ने पहले भी 2014 और 2019 में इस सीट से जीत दर्ज की थी, और अब वह अपनी हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस सीट पर कड़ी टक्कर देखी जा सकती है, क्योंकि यह झामुमो का मजबूत गढ़ मानी जाती है।
डुमरी विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। यहां से दिवंगत टाइगर जगन्नाथ महतो की पत्नी और वर्तमान सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी देवी झामुमो के उम्मीदवार हैं। उनके खिलाफ आजसू ने यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि जेएलकेएम के प्रमुख जयराम महतो भी चुनावी मैदान में हैं।
झारखंड की जामा विधानसभा सीट को प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जाता है। यह सीट झामुमो और सोरेन परिवार के कब्जे में रही है। यहां से लुईस मरांडी को झामुमो ने उम्मीदवार बनाया है। लुईस मरांडी हाल ही में बीजेपी छोड़कर झामुमो में शामिल हुए थे, और इस कारण इस सीट पर बीजेपी और झामुमो के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।