Tuesday Leave For Hindu: झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। 20 नवंबर 2024 को होने वाले इस चरण में राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। हर दल अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।
धनबाद से जुड़ी ताजा खबर में, झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा के समर्थन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक रैली को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला और सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
मुख्य बातें
1.नमाज और छुट्टी पर टिप्पणी:
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यदि झारखंड सरकार स्कूलों में मुसलमानों को शुक्रवार की नमाज के लिए छुट्टी देती है, तो मंगलवार को हिंदुओं को हनुमान चालीसा के पाठ के लिए छुट्टी दी जानी चाहिए। उन्होंने इसे धार्मिक भेदभाव बताया और सरकार की नीतियों को असंतुलित करार दिया।
2.तुष्टिकरण का आरोप:
सरमा ने झारखंड सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और राज्य में धर्म आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा “सबका साथ, सबका विकास” की नीति पर विश्वास करती है और हर धर्म व वर्ग को समान अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
3.भाजपा का चुनावी जोर:
धनबाद में भाजपा के चुनावी अभियान को मजबूती देने के लिए सरमा ने मतदाताओं से राज सिन्हा को जिताने की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा ही झारखंड में स्थिरता और विकास ला सकती है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
सरमा के इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है। वे इसे भाजपा की “ध्रुवीकरण की राजनीति” करार दे सकते हैं।
यह बयान झारखंड के चुनाव प्रचार में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को गर्माने का संकेत देता है, जो मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बन सकता है।
धनबाद के कोयला नगर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स मैदान में भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा के समर्थन में आयोजित रैली में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर झारखंड विधानसभा परिसर में नमाज पढ़ने के लिए जगह दी जा सकती है, तो हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए।
मुख्य बिंदु
1.नमाज और हनुमान चालीसा का मुद्दा:
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड विधानसभा परिसर के एक कमरे को नमाज पढ़ने के लिए आरक्षित किया गया है, लेकिन हिंदुओं को हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती। उन्होंने इसे सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति बताया और कहा कि यह धार्मिक समानता के सिद्धांत के खिलाफ है।
2.राम मंदिर का जिक्र:
सरमा ने अपने संबोधन में भाजपा की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर देश में रामराज्य की स्थापना का प्रयास किया है। उन्होंने भाजपा को हर धर्म और संस्कृति का सम्मान करने वाली पार्टी बताया।
3.वोट बैंक की राजनीति का आरोप:
सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार केवल एक वर्ग को खुश करने के लिए फैसले ले रही है, जिससे राज्य की धार्मिक और सामाजिक संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे भाजपा को समर्थन दें, जो सभी के लिए समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करेगी।
भाजपा का चुनावी एजेंडा
सरमा के भाषण से यह स्पष्ट है कि भाजपा झारखंड चुनाव में धार्मिक मुद्दों को केंद्र में रखते हुए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
झामुमो और कांग्रेस इस बयान पर भाजपा को ध्रुवीकरण और धार्मिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा सकती हैं। हेमंत सोरेन सरकार इस मुद्दे पर अपनी नीतियों का बचाव करते हुए इसे धर्मनिरपेक्षता के तहत सही ठहराने का प्रयास कर सकती है।
यह बयान चुनावी माहौल में नई बहस को जन्म दे सकता है और मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बन सकता है।
धनबाद में आयोजित रैली में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इन पार्टियों पर लोगों को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि झारखंड की राजनीति में एक बड़ी सफाई अभियान की जरूरत है। उन्होंने व्यंग्यात्मक तरीके से कहा, “इनकी गंगा में सर्विसिंग करनी होगी,” जो इस बात का प्रतीक है कि झामुमो और कांग्रेस की नीतियां और कार्यशैली जनता के हित में नहीं हैं और इन्हें सुधारने की जरूरत है।
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में असमानता की अनोखी तस्वीर सामने आई है, जहां सबसे अमीर और सबसे गरीब उम्मीदवारों के बीच संपत्ति का अंतर चौंकाने वाला है।
मुख्य बिंदु
1.सबसे अमीर प्रत्याशी:
•समाजवादी पार्टी (एसपी) के पाकुड़ से उम्मीदवार अकील अख्तर ने अपनी संपत्ति ₹400 करोड़ से अधिक घोषित की है।
•इनमें से ₹99.5 लाख चल संपत्ति और ₹402 करोड़ से अधिक अचल संपत्ति शामिल है।
•यह उन्हें दूसरे चरण का सबसे अमीर उम्मीदवार बनाता है।
2.सबसे गरीब प्रत्याशी:
•एक उम्मीदवार ने अपनी कुल संपत्ति मात्र ₹100 घोषित की है, जो दूसरे चरण का सबसे गरीब प्रत्याशी है।
•इसका उदाहरण झारखंड चुनाव में आर्थिक असमानता का प्रतिबिंब है।
3.करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या:
•एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे चरण में कई करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जो झारखंड के चुनावी परिदृश्य में आर्थिक असमानता को और उजागर करता है।
विश्लेषण
झारखंड जैसे राज्य में, जहां गरीबी और बेरोजगारी बड़ी समस्याएं हैं, इस तरह की संपत्ति का प्रदर्शन चुनावी मुद्दों और आम जनता के जीवन से जुड़ी वास्तविकताओं को सवालों के घेरे में लाता है।