MP Weather: मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में होगा बड़ा बदलाव, इन जिलों में 7 डिग्री तक पहुंचा पारा, जानें मौसम का ताजा अपडेट

MP Weather: मध्य प्रदेश में ठंड ने दस्तक देते हुए सर्द हवाओं का असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में सुबह और शाम के समय ठंडी हवाओं की वजह से सिहरन महसूस की जा रही है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हाल ही में हुई बर्फबारी का प्रभाव प्रदेश में भी दिख रहा है, जिससे हवाओं का रुख उत्तरी हो गया है। इन सर्द हवाओं ने तापमान में गिरावट लाकर ठंड बढ़ा दी है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और तेज हो सकता है।
मध्य प्रदेश में ठंड ने तेजी से असर दिखाना शुरू कर दिया है। दिन का तापमान स्थिर बना हुआ है, लेकिन रात के तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है। शुक्रवार और शनिवार को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे कम है। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। राजधानी भोपाल में भी ठंड बढ़ रही है, जहां न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर भारत में बर्फबारी और ठंडी हवाओं के चलते आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे प्रदेश में ठंड और अधिक बढ़ने की संभावना है। मध्य प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने के साथ दृश्यता भी कम हो रही है। भोपाल में दृश्यता घटकर 1 से 2 किलोमीटर रह गई, जो प्रदेश में सबसे कम दर्ज की गई। प्रमुख स्थानों के न्यूनतम और अधिकतम तापमान के आंकड़े इस प्रकार हैं:

न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस)

•पचमढ़ी: 7.8
•मंडला: 10.5
•भोपाल: 12.6
•ग्वालियर: 15.3
•इंदौर: 15.7
•उज्जैन: 15.0
•जबलपुर: 13.8
•नौगांव: 12.3

अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस)

•खजुराहो (छतरपुर): 32.6
•भोपाल: 30.1
•ग्वालियर: 21.6
•इंदौर: 30.6
•उज्जैन और जबलपुर: 29.6
पचमढ़ी और मंडला में सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि खजुराहो में सबसे अधिक अधिकतम तापमान दर्ज हुआ। ठंडी हवाओं और उत्तर से आ रही सर्दी के कारण तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका (ट्रफ) के रूप में सक्रिय है। इसके साथ ही, देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम का प्रभाव भी देखा जा रहा है।

जेट स्ट्रीम का प्रभाव

•जेट स्ट्रीम लगभग 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
•इसमें पश्चिम से पूर्व की दिशा में हवाएं लगभग 250 किमी प्रति घंटा की गति से बह रही हैं।

इसका प्रभाव

•पश्चिमी विक्षोभ और जेट स्ट्रीम के प्रभाव से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम परिवर्तन हो सकता है।
•ठंडी हवाओं के कारण उत्तर भारत और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों में तापमान और गिरने की संभावना है।
•यह स्थिति पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने का कारण बन सकती है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह विक्षोभ और ठंडी हवाएं पूरे देश के मौसम पर असर डाल सकती हैं, जिससे सर्दी और बढ़ेगी।